Fatty Disease: भागदौड़ भरी जिंदगी के चलते लोगों के खानपान और लाइफस्टाइल में काफी बदलाव आ गया है. समय ना हो पाने के चलते अधिकतर लोग रोजाना ऐसी चीजों  का सेवन करते हैं जो सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित होती है. खानपान का ध्यान ना रखने पर कई तरह की लाइफस्टाइल डिसऑर्डर का सामना करना पड़ सकता है.जिसमें से नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज भी है. ऐसे में हम यहां आपको बताएंगे फैटी लिवर से पीड़ित लोगों को किस तरह से अपना ख्याल रखना चाहिए? चलिए जानते हैं. 
क्या है नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज-
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज क्या है?

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज उन लोगों को होता है जो शराब का सेवन नहीं करते हैं. इस समस्या में व्यक्ति के खानपान की वजह से उसके लिवर में अतिरिक्त चर्बी या फैट जमा हो जाता है. जिसकी वजह से लिवर खराब होने लगता है.
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज के लक्षण-
पेट में सूजन, एनलार्ज स्पलीन, हथेलियों का लाल पड़ना और आंखों समेत स्किन का पीला पड़ना. ये सब नॉन एल्कोहॉलिक स्टीटोपेटाइटिस के लक्षण हैं.
कोलाइन और लिवर में संबंध-
शरीर में कोलाइन एक महत्वपू्र्ण भूमिका निभाता है. यह लिवर में मौजूद फैट को पचाने का काम करता है. साथ ही यह फैटी लिवर डिजीज के खतरे को कम करने में भी काफी मदद करता है.इसलिए फैटी लिवर की बीमारी से बचने के लिए आप अपनी डाइट में कोलाइन से युक्त चीजों का सेवन करें.


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इन चीजों में पाई जाती है कोलाइन-
अंडे
- अंडे कोलाइन का सबसे अच्छा सोर्स होते हैं. ऐसे में अगर आप अपनी डाइट में अंडे को शामिल करते हैं तो फैटी लिवर की समस्या से बच सकते हैं.
सोयाबीन- आधी कटोरी रोस्टेड सोयाबीन में 107 एमजी कोलाइन पाया जाता है जो आपके लिवर को हेल्दी रखने का काम करता है. इसलिए आप अपनी डाइट में सोयाबीन को जोड़ सकते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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