आज के समय में ज्यादातर लोग नींद को अपने मन मुताबिक लेते हैं. रात में 2-3 घंटे सोकर सुबह 9 घंटे काम के लिए निकल जाने को अब एक सुपर पावर की तरह देखा जाने लगा है. ऐसे लोगों की हिम्मत की खूब तारीफ की जाती है. लेकिन वास्तव में यह कोई नहीं जानता कि ऐसा करना सेहत को कितना नुकसान पहुंचा रहा है.


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उम्र के साथ शरीर की जरूरतें भी बदलती रहती हैं. नींद के मामले में भी यह नियम लागू होता है. इसका कारण शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं. ऐसे में पर्याप्त नींद सेहत के लिए बहुत जरूरी माना जाता है. इसलिए यहां हम आज आपको ये बता रहे हैं कि आपको अपनी उम्र के मुताबिक कितनी नींद की जरूरत है, और इसके लिए आप क्या कर सकते हैं.


कम सोने के नुकसान

यदि आप लगातार कई दिनों से पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं, तो इससे आपकी इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है. इसके साथ ही सोचने-समझने की क्षमता का कम होना, मूड स्विंग, मोटापा, हार्ट डिजीज, हार्मोन असंतुलन का खतरा बढ़ जाता है. 
 
18-25 उम्र के लोगों के लिए पर्याप्त नींद के घंटे

युवा अवस्था में, यानी 18 से 25 वर्ष के बीच, नींद ब्रेन फंक्शन और इमोशनल वेल बीइंग के लिए बेहद जरूरी होता है. स्लीप थेरेपिस्ट डेनिस लोर्डाचे ने एक्स्प्रेस.को.यूके को बताया कि इस उम्र में, संज्ञानात्मक कार्य, भावनाओं का नियंत्रण और मस्तिष्क के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स का विकास नींद पर निर्भर करता है. इस दौरान 7 से 9 घंटे की नींद जरूरी होती है.

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26-44 साल के लोगों को कितना सोना चाहिए

इस उम्र में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए नियमित नींद का बहुत महत्व है. इस उम्र में मेलाटोनिन का उत्पादन थोड़ा कम होने लगता है, लेकिन नींद का पैटर्न नॉर्मल रहता है. हालांकि, काम और पारिवारिक जिम्मेदारियां नींद के पैटर्न को प्रभावित कर सकती हैं. इस उम्र में 7-8 घंटा सोना काफी है.


45-59 उम्र के लोगों के लिए हेल्दी स्लीपिंग आवर्स

इस उम्र में पहुंचने के बाद शरीर की खुद को ठीक करने की क्षमता कम होने लगती है. जिसके कारण 45 से 59 वर्ष के बीच के लोग अधिक नींद की आवश्यकता महसूस करते हैं. इस उम्र में लोग ज्यादा सोते हैं, लेकिन 8-9 घंटे की नींद पर्याप्त होती है. 


60 और उससे अधिक उम्र के लोगों को कितना सोना चाहिए

60 वर्ष के ऊपर के लोगों के लिए नींद महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह उनके संज्ञानात्मक कार्य और प्रतिरक्षा स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है. इस उम्र के लोग अक्सर नींद की समस्याओं का सामना करते हैं. लोर्डाचे के अनुसार, 60 से ऊपर के लोग सोने की समस्या का शिकार हो सकते हैं, जैसे नींद में रुकावट या अनिद्रा.


नींद की गुणवत्ता में सुधार कैसे करें?

नींद की गुणवत्ता में सुधार के लिए नियमितता बेहद जरूरी है. हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने से शरीर की आंतरिक घड़ी ठीक रहती है.  इसके अलावा, एक्सपर्ट नेचुरल धूप से समय बिताने की भी सलाह देते हैं. साथ ही अच्छी नींद के लिए रात में हल्का भोजन करना भी जरूरी है. 

 


 


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.