Ear Wax Cleaning: शरीर को साफ-सुथरा रखना जरूरी है. लेकिन इस चक्कर में कुछ लोग बार-बार अपना कान साफ करते रहते हैं. लेकिन ये गलत है. जान लीजिए कि कान में मैल (Ear Wax) का बहुत काम होता है. यह कान में मैल एक तरह का प्राकृतिक रिसाव है. इसको साफ करते समय अगर आपसे जरा सी चूक हो जाती है तो ये तेज दर्द का कारण बन सकता है. इसके अलावा सुनने की शक्ति भी जा सकती है. कान में मौजूद मैल हमारे कानों को सेहतमंद रखता है. कान में मौजूद नलिकाओं की ऊपरी परत को मैल सूखने से रोकता है. इसके अलावा मैल पानी और धूल के कणों को अंदर जाने नहीं देता है जिससे इंफेक्शन नहीं होता है. आइए जानते हैं अगर कान में मैल ज्यादा हो गया है तो इसको सावधानीपूर्वक कैसे साफ किया जा सकता है.


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कान का मैल कैसे साफ करें? 


बता दें कि कान का मैल अपने आप भी कान से बाहर निकल आता है. जब हम खाना खाते समय उसको चबाते हैं तो मैल कान के पर्दे से धीरे-धीरे कान के छेद की ओर बढ़ने लगता है. अधिकतर बार यह होता है कि मैल सूखने के बाद अपने आप कान से बाहर निकल आता है. पर कई बार सामान्य से ज्यादा मैल कान में जम जाता है तो आइए जानते हैं इसको साफ करने का सही तरीका क्या है? माचिस की तीली या किसी अन्य चीज से कान का मैल साफ करने का प्रयास नहीं करें, इससे कान का पर्दा तक फट सकता है.


- कुछ लोग कॉटन बड्स से कान के मैल को साफ करते हैं. पर ध्यान रखें कि कर्ण नलिकाओं को कभी भी कॉटन बड्स से साफ नहीं करना चाहिए. ये बात कॉटन बड्स के पैकेट के ऊपर भी लिखी होती है.


- कान का मैल साफ करने में कुछ लोग ईयर कैंडल्स की मदद भी लेते हैं. लेकिन ईयर कैंडल्स से कान के मैल को साफ करना खतरनाक हो सकता है. इससे आपका कान और चेहरा जलने का खतरा रहता है.


- कान साफ करने में आप ईयर ड्रॉप्स की मदद भी ले सकते हैं. ईयर ड्रॉप्स से आपके कान का मैल नम हो जाएगा और अपने आप ही बाहर निकलने लगेगा. लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि कई ईयर ड्रॉप्स में सोडियम क्लोराइड या सोडियम बाईकार्बोनेट पड़ा होता है जो कान की सेंसटिव स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है.


- कान का मैल साफ करने में बादाम और जैतून का तेल भी कारगर है. तेल से कान का मैल नम हो जाएगा और कान से बाहर आ जाएगा. पर तेल को कान में डालने से पहले ध्यान रखें कि तेल का तापमान आपके शरीर के तापमान से ज्यादा नहीं होना चाहिए.


- कान को साफ करने में आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं. कुछ केस में डॉक्टर कान की सफाई पानी से करते हैं. इस प्रक्रिया को सिरिंजिंग कहते हैं. इसमें पानी की फुहार कर्ण नलिकाओं पर मारी जाती है. हालांकि, इसमें पर्दे को नुकसान होने का खतरा रहता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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