Mental Health After Breakup: ब्रेकअप का मतलब किसी भी रिश्ते में अलग होना होता है. आमतौर पर प्रेमी जोड़ों के अलग होने को ब्रेकअप कहा जाता है. ब्रेकअप किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक मुश्किल अनुभव होता है. यह न सिर्फ रिश्ते को खत्म करता है, बल्कि आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य नेगेटिव इंपैक्ट डालता है. यह अनूभव इमोशनली इंसान को थका देने वाला होता है और इसका असर आपके मेंटल हेल्थ पर पड़ता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ब्रेकअप के बाद मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव-


ब्रेकअप के बाद दुःख, डिप्रेशन, और लोनलीनेस(अकेलापन) महसूस होना बहुत आम बात है. यह इमोशन कुछ समय तक इंसान पर हावी रहती हैं. रिश्ते में अलग होने के बाद एंजाइटी और तनाव महसूस होना भी आम है. ऐसे समय में भविष्य के बारे में चिंता हो सकती है, या अपने पूर्व साथी के बारे में सोचकर तनाव हो सकता है. कई बार पूराने समय को याद करके गुस्सा महसूस होता है. ब्रेकअप के बाद सेल्फ रेस्पेक्ट और सेल्फ कॉन्फिडेंस में कमी महसूस होती है. ऐसे में कुछ उपाय हैं जिसको अपनाने से अपने मानसिक स्वास्थ्य का देख भाल कर सकते हैं.


ब्रेकअप के बाद मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपाय-


अपनी इमोशन को एक्सेप्ट करें-
अपने इमोशन को दबाने की बजाय उन्हें स्वीकार करें और उन्हें व्यक्त करने के तरीके खोजें.
अपने आप का ख्याल रखें-
स्वस्थ भोजन खाएं, पर्याप्त नींद लें, और नियमित व्यायाम करें.
अपने दोस्तों और परिवार से बात करें-
अपने दोस्तों और परिवार वालों से बात करें. ऐसे समय में अपना झुकाव उन लोगों के प्रति बढ़ाएं जिनके पास रहना अच्छा लगता है.
किसी थेरेपिस्ट से बात करें-
अगर अपनी भावनाओं से निपटने में परेशानी हो रही है, तो किसी थेरेपिस्ट (therapist) से बात करें.
नए शौक और नए एक्टिविटी में शामिल हों-
नए शौक और एक्टिविटी में शामिल होने से आपको अपने दुःख से ध्यान हटाने में मदद मिलती है.
नियमित व्यायाम करें-
नियमित योग सेहत के लिए अच्छा होता है इससे दिमाग रिलैक्स रहता है.


लेकिन ये तो वो सुझाव जो आपको करने चाहिए. अब आइए जानते हैं कि ब्रेकअप के बाद क्या-क्या नहीं करना चाहिए.


  1. अपने पूर्व साथी के साथ संपर्क में रहने से बचें. यह आपको आगे बढ़ने से रोक सकता है.

  2. सोशल मीडिया से दूर रहे, क्योंकि पुराने दोस्तों के पोस्ट आपको परेशान कर सकते हैं.

  3. अकेले रहने से बचें. लोगों के बीच रहने से दिमाग व्यस्त रहता है और पुराने रिश्ते के यादों को दूर रखने में आपकी मदद करता है.

  4. खुद के काबिलियत पर संदेह करना बंद करें. सेल्फ-कम्पैशन की भावना डेवलप करें.


Disclaimer: प्रिय पाठक, संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है. जी मीडिया इस लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित समस्या के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.