Overthinking: आज ही दूर कर लें ये आदतें, वरना सफलता के रास्ते में बन जाएंगी रुकावट
Mental Fitness: कोई भी काम सोच-विचार कर ही करना चाहिए, लेकिन ज्यादा सोचना भी नुकसानदायी हो सकता है. ज्यादा सोचने की आदत को ओवरथिंकिंग कहते हैं. ओवरथिंकिंग अच्छी नहीं है. अगर आप ओवरथिंकिंग से बचना चाहते हैं तो कुछ टिप्स फॉलो कर सकते हैं.
Psychological Tips: अक्सर आपने बड़ों के मुंह से सुना होगा कि सोच-समझकर चलना चाहिए, लेकिन जब ये सोचना हद से ज्यादा बढ़ जाए तो परेशानी बन सकता है. ओवरथिंकिंग करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. इस आदत की वजह से कई बार हम पिछड़ जाते हैं. ओवरथिंकिंग की आदत हमारी सेहत के लिए तो नुकसानदायी है ही, साथ ही ये करियर को भी भारी नुकसान पहुंचा सकती है. अगर आप में भी ओवरथिंकिंग की आदत है तो इससे पीछा छुड़ाना जरूरी है. कुछ आसान से टिप्स अपनाकर ओवरथिंकिंग की आदत से छुटकारा पा सकते हैं.
दिमाग को रखें बिजी
कहते हैं कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है. यानी कि अगर हम खाली बैठे हैं तो दिमाग में कुछ न कुछ तो चलता ही रहेगा. ऐसे में खाली बैठने की वजह से हम ज्यादा सोचते रहते हैं. अगर इस आदत से छुटकारा पाना है तो दिमाग को डिस्ट्रैक्ट करें. खाली वक्त में कोई नया काम करना चाहिए या फिर ऐसा कोई काम जो आपको पसंद हो वो आप खाली समय में करके दिमाग को व्यस्त रख सकते हैं.
मेडिटेशन
अगर हर छोटी-छोटी बात पर सोचने की आदत है तो मेडिटेशन करना शुरू कर दें. मेडिटेशन करने से मन शांत रहेगा और फालतू के विचार दूर रहेंगे. ओवरथिंकर्स को अपने रोजाना के रूटीन में मेडिटेशन को शामिल कर लेना चाहिए.
वर्तमान में जिएं
कुछ लोग जल्दी निराश हो जाते हैं, थोड़ी सी परेशानियों से घबरा जाते हैं. असफलता मिलने पर बार-बार उसी के बारे में सोचते रहते हैं. ऐसे लोग अपना पास्ट याद करके ही दुखी होते रहते हैं, वे प्रजेंट में नहीं जीते हैं. ऐसे लोग ज्यादा सोचकर अपना वर्तमान और भविष्य दोनों ही बर्बाद कर लेते हैं. ऐसी आदतों से बचना चाहिए. कोई भी चीज परमानेंट नहीं होती है. असफलता से घबराना नहीं चाहिए बल्कि उससे सीख लेनी चाहिए.
परेशानी के बारे में न सोचें
परेशानी का दुख मनाने या फिर उसके बारे में सोचने के बजाय उसके हल (Solution) के बारे में सोचना चाहिए. बार-बार परेशानी के बारे में सोचने से आप डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं. इसलिए जो बीत गया उसके बारे में नहीं बल्कि उसके समाधान के बारे में सोचना चाहिए. ऐसे में दिमाग क्रिएटिव भी होगा और ओवरथिंकिंग से छुटकारा मिलेगा.
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