Weight Loss Tips: ज्यादा पसीना बहाए बिना अपने आप घटता चला जाएगा वेट, ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस ने बताया `सीक्रेट`
Weight Loss Tips in Hindi: अगर आप खूब कोशिश के बावजूद अपना बढ़ता मोटापा कम नहीं कर पा रहे हैं तो घबराएं नहीं. आज हम आपको ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस की ओर से बताया गया वो सीक्रेट बताने जा रहे हैं, जिससे आपका वजन अपने आप घटता चला जाएगा.
Benefits of Slow Running: खराब लाइफस्टाइल और खानपान में गड़बड़ी की वजह से आजकल दुनिया में बढ़ता मोटापा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. यह अकेला नहीं आता बल्कि अपने साथ कई बड़ी बीमारियों को भी लेकर आता है, जिसमें हाई बीपी, हाईपरटेंशन, डायबिटीज और हार्ट अटैक भी शामिल हैं. कई लोग मोटापे को कम करने के लिए हैवी जिम या स्पीड में दौड़ शुरू कर देते हैं. लेकिन हर किसी के लिए ऐसा करना संभव नहीं है. कुछ लोग वक्त की कमी तो कई लोग शारीरिक दिक्कतों की वजह से इनमें से कोई भी उपाय अपना नहीं पाते. अगर आप भी ऐसी ही समस्या से जूझ रहे हैं तो आज हम आपको ज्यादा पसीना बहाए बिना वजन घटाने का अचूक फॉर्मूला बताने जा रहे हैं. यह फॉर्मूला ब्रिटेन की नेशल हेल्थ सर्विस यानी NHS के एक डॉक्टर ने शेयर किया है, जिसे आपको जानना चाहिए.
'बढ़े वजन से घबराएं नहीं'
डॉक्टर करण राजन NHS के सर्जन और सुंदरलैंड यूनिवर्सिटी के लेक्चरर हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर यह सीक्रेट शेयर किया है. डॉ. करण राजन के अनुसार, अगर आप स्लो रनिंग या हल्की जॉगिंग भी करते हैं तो आप अपने वजन को कंट्रोल में रख सकते हैं. इसके लिए ज्यादा पसीना बहाने या ब्लड प्रेशर को बढ़ाने की जरूरत नहीं है.
'ज्यादा समय तक जीते हैं'
वे कहते हैं कि स्लो रनिंग, असल में जोन- 2 एक्सरसाइज का हिस्सा है. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि अगर आप 200 या 400 मीटर की फास्ट रेस करते हैं तो उसे 10 में से 10 पॉइंट दिए जा सकते हैं. वहीं स्लो रनिंग को 4 पॉइंट पर रखा जा सकता है. वे कहते हैं कि रिसर्च में स्लो रनिंग के कई फायदे निकलकर सामने आए हैं. स्टडी में पता चला है कि फास्ट रेस की तुलना में जॉगिंग करने वाले लोग ज्यादा वक्त तक जीते हैं.
'थकावट- चोट लगने की आशंका कम'
डॉ. राजन ने बताया, स्लो रनिंग का एक और फायदा ये है कि ऐसे लोगों को चोट लगाने या थकान की आशंका कम होती है. साथ ही किसी बीमारी से पीड़ित होने पर ऐसे लोगों के ठीक होने की संभावना ज्यादा हो जाती है. इतना ही नहीं, धीमी गति से दौड़ने पर हमारा दिमाग एंडोर्फिन - न्यूरोट्रांसमीटर हॉर्मोन को रिलीज करता है. जिससे इंसान का मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है.
'नींद और भूख को कंट्रोल करने में मदद'
डेली मिरर यूके की रिपोर्ट के मुताबिक स्लो रनिंग आपकी नींद और फोकस को बेहतर बनाने में भी मदद करती है. इससे इंसान को अपनी भूख कंट्रोल करने में आसानी हो जाती है. डॉक्टर राजन कहते हैं कि जॉगिंग के इन्हीं फायदों की वजह से फास्ट रेसिंग करने वाले स्प्रिंटर भी अपनी ट्रेनिंग का 80 प्रतिशत हिस्सा स्लो रनिंग में लगाते हैं. इससे उन्हें खुद को कंपीटिशन के लिए तैयार करने में मदद मिलती है.