Tips for parents: मेंटल हेल्थ के बारे में लोग कम बात करते हैं. जबकि मनोचिकित्सकों और लाइफस्टाइल एक्सपर्ट्स का कहना है कि पैरेंट्स को कम उम्र से ही अपने बच्चों की मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना चाहिए ताकि वो मानसिक रूप से मजबूत बनने के साथ बड़े होकर आसानी से किसी भी परिस्थिति से खुद को निकाल सकें. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बच्चों को इमोशनल इंटेलिजेंट बनने की जरूरत क्यों हैं?


पूरी दुनिया में इंटरनेट के कारण लोग सोशल होने से दूरी बना रहे हैं. बच्चे तो खासकर मोबाइल और बाकी गैजेट्स के चक्कर में अपना बचपन खो रहे हैं. यही वजह है कि आजकल आत्महत्या जैसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसलिए आज आपको ये जानना जरूरी है कि किस तरीके से बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाना चाहिए ताकि वो किसी भी परिस्थिति के हिसाब से खुद को एडजस्ट कर सकें.


1. सबसे पहली और अहम पैरेंटिंग टिप ये है कि प्यार से उनकी बातों को समझिए. ऐसा करने से बच्चे सिक्योर भी फील करते हैं और उनका मानसिक विकास भी सही तरीके से होता है.


2. बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने के लिए आपको बचपन से ही उन्हें भावनात्मक रूप से समझाने की कोशिश करनी चाहिए. बच्चा अगर किसी भी बात से दुखी और परेशान है तो उसे इमोशंस से डील करना सिखाइए. इसके उसे ये सीखने में आसानी होगी कि कैसे किसी विपरीत यानी प्रतिकूल बात को भी अपने अनुकूल बदला जा सकता है.


3. बच्चे में कभी किसी तरह की हीन भावना यानी इन्फीरियॉरिटी कॉम्प्लेक्स न पनपने दें. उसे मोटिवेट करें कैसे उस चीज को सकारात्मकता में बदल सकते हैं. उसके अंदर प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल को डेवलप करें.


4. जब बच्चा किसी बात से परेशान हो तो उसकी परेशानी की तरह में जाकर उसका पता लगाएं. बच्चों के साथ हर चीज पर खुलकर बातचीत करें.  उनकी अच्छी और बुरी हर तरह की बात को सुनें. ऐसा करने से बच्चे की मेंटल हेल्थ अच्छी बनी रहती है.


5.बच्चों का मन बहुत कोमल होता है. वो बड़े संवेदनशील होते हैं ऐसे में हर हाल में उनके साथ अपनी सहानुभूति बनाए रखें. बच्चा अगर आपकी किसी छोटी सी बात या उससे जुड़ी किसी बात पर ओवररिएक्ट करता है तो उसे समझाएं ना कि इग्नोर करें. 


 


पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं