इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) ने हाल के वर्षों में सेहत और फिटनेस के क्षेत्र में काफी लोकप्रियता हासिल की है. वजन घटाने से लेकर मेटाबॉलिज्म सुधारने तक के कई फायदे इस डाइट प्लान से जोड़े जाते हैं. लेकिन हर चमकती चीज सोना नहीं होती और इंटरमिटेंट फास्टिंग भी हर किसी के लिए सही नहीं हो सकती. कुछ लोगों के लिए ये फास्टिंग प्लान नुकसानदायक हो सकता है.


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अगर आप भी इस डाइट को अपनाने का सोच रहे हैं, तो ध्यान दें कि कुछ खास तरह के लोग इसे बिल्कुल नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं कि वो कौन से 5 लोग हैं जिन्हें भूलकर भी इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए. आज हम आपको उन लोगों के बारे में बताएंगे, जिन्हें भूलकर भी इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए.


1. प्रेग्नेंट और स्तनपान कराने वाली महिलाएं
गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान महिला के शरीर को एक्स्ट्रा पोषण की जरूरत होती है. इस समय पोषण की कमी या भोजन को सीमित करने से मां और बच्चे दोनों पर नेगेटिव असर पड़ सकता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग इस स्थिति में पोषण की कमी पैदा कर सकती है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है.


2. डायबिटीज से पीड़ित लोग
इंटरमिटेंट फास्टिंग डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है, खासकर अगर वे इंसुलिन या अन्य दवाइयों का सेवन कर रहे हों. लंबे समय तक भूखे रहने से उनका ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो सकता है और हाइपोग्लाइसीमिया (ज्यादा कम शुगर लेवल) जैसी गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है.


3. कम वजन वाले लोग
जो लोग पहले से ही कम वजन के हैं, उन्हें इंटरमिटेंट फास्टिंग से दूर रहना चाहिए. इस डाइट से उनका वजन और भी कम हो सकता है, जिससे कमजोरी, पोषण की कमी और अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं.


4. तनाव या नींद की समस्या से जूझ रहे लोग
अगर आप अच्छी नींद नहीं लेते हैं, तो आपका दिमाग सही से काम नहीं करेगा. इसके अलावा, आपका मूड खराब हो जाएगा और आपका शरीर भी ठीक से काम नहीं करेगा. अगर आप खाना खाए बिना सोने जाते हैं, तो आपकी नींद भी अच्छी नहीं आएगी क्योंकि आपका पेट खाली होगा और आपका दिमाग सोने नहीं देगा.


5. थायरॉयड के मरीज
थायरॉयड ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करती है. इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से थायरॉयड की समस्याएं बढ़ सकती हैं और हार्मोनल असंतुलन पैदा हो सकता है, जिससे थकान, वजन बढ़ना और अन्य समस्याएं हो सकती हैं.