दिल की सेहत के लिए मछली का तेल (फिश ऑयल) काफी फायदेमंद माना जाता रहा है. मछली के तेल में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड को कोलेस्ट्रॉल कम करने और दिल की बीमारी के खतरे को कम करने में मददगार माना जाता है. लेकिन हाल ही में एक नए अध्ययन ने इस आम धारणा को चुनौती दी है.


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अध्ययन में क्या पाया गया?


ब्रिटिश जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस अध्ययन में चीनी शोधकर्ताओं ने 1.20 से ज्यादा स्वस्थ लोगों पर शोध किया. इन लोगों को बेतरतीब ढंग से या तो फिश ऑयल सप्लीमेंट्स दिया गया या फिर प्लेसीबो दिया गया. प्लेसीबो दिखने में दवा जैसा होता है, लेकिन इसमें कोई दवाइयां नहीं होती.


चार साल के अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि मछली का तेल लेने वाले लोगों में दिल की बीमारी, स्ट्रोक या दिल संबंधी अन्य समस्याओं का खतरा कम नहीं हुआ. वास्तव में, नियमित रूप से मछली का तेल लेने वाले लोगों में स्ट्रोक का खतरा थोड़ा बढ़ा हुआ पाया गया. अध्ययन के मुख्य लेखक डॉक्टर ली ने कहा कि हमारे अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि स्वस्थ लोगों के लिए फिश ऑयल सप्लीमेंट्स लेना फायदेमंद नहीं है. इससे दिल की बीमारी का खतरा कम नहीं होता, बल्कि कुछ मामलों में स्ट्रोक का खतरा बढ़ भी सकता है.


एक्सपर्ट क्या कहते हैं?


यह अध्ययन चौंकाने वाला जरूर है, लेकिन अभी से घबराने की जरूरत नहीं है. एक्सपर्ट का कहना है कि इस अध्ययन के नतीजों को व्यापक संदर्भ में देखने की जरूरत है. अध्ययन में शामिल लोगों में पहले से ही दिल की बीमारी का कोई जोखिम नहीं था. संभव है कि जिन लोगों को पहले से ही दिल संबंधी समस्याएं हैं, उनके लिए मछली का तेल फायदेमंद हो सकता है. अध्ययन में केवल फिश ऑयल सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल किया गया था. संभव है कि नेचुरल रूप से मछली का सेवन करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है.


अभी क्या करें?


अगर आप पहले से ही फिश ऑयल का सेवन कर रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है. अपने डॉक्टर से सलाह लें. वह आपकी स्थिति के आधार पर सलाह दे सकते हैं कि आपको मछली का तेल का सेवन जारी रखना चाहिए या नहीं. दिल को हेल्दी रखने के लिए बैलेंस डाइट, नियमित व्यायाम, धूम्रपान न करना और तनाव कम करना जरूरी है. डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी तरह का सप्लीमेंट लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.