Tips To Identify Real Sindoor: कुछ दिनों में करवा चौथ आने वाला है महिलाएं करवा चौथ को लेकर पूरे साल इंतजार करती हैं. इस दिन वो अपने पति की लंबी आयु के लिए पूरा दिन निर्जल व्रत रखती हैं. रात में चांद देखने के बाद अपने पति के हाथ से पानी पीती हैं और व्रत तोड़ती हैं. करवा चौथ सोलह सोमवार का व्रत है महिलाएं ऊपर से नीचे नए वस्त्र और गहनों से लदी रहती हैं. हिंदू धर्म में सिंदूर की बड़ी मान्यता है ऐसे में करवा चौथ के मौसम में धड़ल्ले से नकली सिंदूर बेचा जा रहा रहा है. आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स के बारे में बताएंगे जिसे जानकर आप असली और नकली सिंदूर में अंतर कर पाएंगे.


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ऐसे करें असली सिंदूर की पहचान
असली और नकली सिंदूर की पहचान करने के लिए सिंदूर को हाथ में ले और रगड़ें. इसके बाद हाथ पर फूक मार के देखें अगर सिंदूर उड़ जाता है समझ लीजिए कि वह असली है. वहीं अगर सिंदूर हाथ से ही चिपका रहता है तो सिंदूर नकली है.


नकली सिंदूर लगाने के नुकसान
नकली सिंदूर को बनाने के लिए बहुत सारे केमिकल्स का यूज किया जाता है. जब महिलाएं रोज-रोज नकली सिंदूर लगाती हैं तो इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. इंफेक्शन के कारण कई बार छोटे दाने निकल आते हैं. इसके अलावा बालों में और स्कैल्प पर खुजली की समस्या भी पैदा हो सकती है. 


ऐसे बनता है नकली सिंदूर
नकली सिंदूर बनाने के लिए खड़िया, सिंथेटिक राम और शीशा का यूज किया जाता है. नकली सिंदूर को हाथ पर रगड़ने से वह पर हथेली से चिपक जाता है और आसानी से उड़ता नहीं है. नकली सिंदूर का हथेली पर से रंग आसानी से नहीं जाता है क्योंकि उसे बनाने के लिए गहरे सिंथेटिक कलर का यूज किया जाता है.


ऐसे बनता है असली सिंदूर
असली सिंदूर कमीला(Kampillaka) नाम के पौधे से बनाया जाता है. इस पौधे से इसके फल तोड़कर उसके बीज निकाले जाते हैं और फिर इन बीजों को सुखाया जाता है. सुखने के बाद इसे पीस कर सिंदूर तैयार किया जाता है. इसी कारण असली सिंदूर में एक अच्छी खुशबू होती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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