शरीर में सीसा फेफड़ों के कैंसर के मुकाबले तीन गुना अधिक लोगों की जान ले रहा है. खासकर यह बच्चों पर काफी बुरा असर डाल रहा है, क्योंकि सीसे के संपर्क में बच्चे जल्दी आते हैं. वाशिंगटन की संस्था सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट के नेतृत्व में एक साल तक चले अध्ययन में यह दावा किया गया है.


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शोधकर्ताओं ने कहा कि सीसे के जहर से होनेवाली बीमारियां (लेड प्वॉयजनिंग) दुनियाभर में स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं, जिसे अधिकांश देशों ने नजरअंदाज किया है. शोधकर्ताओं ने तत्काल कदम उठाने की जरूरत बताई है.


दुनिया में हर तीन में से 1 बच्चा लेड प्वॉयजनिंग से पीड़ित
सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट (सीजीडी) के अनुमान के अनुसार दुनियाभर में हर तीन में से एक बच्चा सीसा विषाक्तता (लेड प्वॉयजनिंग ) से पीड़ित है. अनुमान के अनुसार कुल 81.5 करोड़ बच्चे इससे प्रभावित हैं.


लेड प्वॉयजनिंग क्या है?
लेड प्वॉयजनिंग एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में लेड की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच जाती है. लेड एक भारी धातु है, जो प्राकृतिक रूप से पृथ्वी की जमीन में पाई जाती है. यह निर्माण सामग्री, पेंट, खिलौने और कुछ खाने वाली चीजों में भी पाया जा सकता है.


खून में सीसे का स्तर कितना होना चाहिए
जहां तक संभव हो हर बच्चे के खून में सीसे का स्तर पांच माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर से कम हो. हालांकि शरीर में सीसे का कोई सुरक्षित स्तर नहीं होता, 5 माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर से कम सीसा भी हानिकारक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार शरीर में 70 माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर से अधिक सीसा होना गंभीर होता है.