Bad Habits about Money:आपने बहुत सारे ऐसे लोग देखे होंगे, जिनकी कमाई ठीकठाक होती है. इसके बावजूद आधा महीना गुजरते ही वे परिवार के लोगों या दोस्तों से पैसा मांगने को मजबूर हो जाते हैं. आखिर में उनके साथ ऐसा क्या हो जाता है, जिसके चलते उन्हें दूसरों के आगे हाथ फैलाना पड़ जाता है. कहीं ऐसी हालत आपके साथ तो नहीं हो रही. आज हम आपको ऐसी ही 5 बड़ी गलतियों के बारे में बताएंगे, जिसके चलते लोगों के हाथ में पैसा नहीं टिकता. अगर आप भी ऐसी गलतियां करते हैं तो आज ही उन्हें बदल देने में भलाई (Money Savings Tips) है वर्ना मां लक्ष्मी कभी आपके यहां नहीं टिकेंगी.


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पैसों से जुड़ी बुरी आदतें (Bad Habits about Money)


बिना जरूरत के खरीदारी करना


अपनी जरूरत की चीजें खरीदना लोगों के लिए सामान्य बात है. लेकिन काफी लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें खरीदारी की जरूरत नहीं होती, इसके बावजूद वे हर हफ्ते या हर महीने शौकिया खरीदारी करने जाते हैं. इस तरह शौकिया खरीदारी में खरीदी गई अधिकतर चीजें उनके काम की नहीं होती, जिससे उनका केवल पैसा बर्बाद होता है. अगर भी ऐसी खरीदारी के शौकीन हैं तो इसे वक्त रहते बदल लेना ही आपके लिए फायदेमंद है. 


दोस्तों के साथ डेली पार्टी करना  


कभी-कभार किसी खास मौके पर दोस्तों के साथ पार्टी कर लेने में कोई हर्ज नहीं होता. लेकिन अगर यह पार्टीबाजी डेली रुटीन की बात बन जाए तो फिर गंभीर समस्या बन जाती है. आपके इस गलत शौक की वजह से आपको हर बार 500-1000 रुपये का नुकसान हो जाता है. अगर आपने महीने में 15 दिन भी ऐसी पार्टी कर ली तो 15 हजार रुपये का खुद को सीधा नुकसान पहुंचा दिया. सोचिए, इन 15 हजार रुपये में आप अपने परिवार के लिए कितना कुछ कर सकते हैं. इसलिए हो सके तो इस गलत को बदल लें या बहुत कम कर दें.


कमाई से ज्यादा खर्च करते जाना 


हमारे देश में कहावत है कि जितनी लंबी चादर हो, उतने ही पैर फैलाने चाहिए. यानी जितनी आपकी आर्थिक हैसियत हो, उतना ही पैसा खर्च करना चाहिए. लेकिन कई सयाने लोग शायद बुजुर्गों की इस कहावत पर यकीन नहीं करते. इसलिए वे अपने हर अपनी कमाई से ज्यादा खर्च कर बैठते हैं और फिर दूसरों से कर्ज मांगने के लिए हाथ पसारते रहते हैं. जिन घरों में इस तरह की आदत होती है, वे कभी जिंदगी में तरक्की नहीं कर पाते और हमेशा आर्थिक तंगी को भोगते हैं. इसलिए जीवन में खुशियां चाहिए तो अपनी कमाई के अनुसार ही खर्च करने की आदत डाल लें.


व्यर्थ के दिखावटपन में पड़ना 


हमारे आसपास काफी लोग ऐसे दिख जाएंगे, जो दिखावटपन में बहुत यकीन रखते हैं. अपने दोस्त-रिश्तेदारों में रौब झाड़ने के लिए वे एक से बढ़कर महंगी चीज खरीदते हैं. ऐसे लोग बार्गेनिंग करने और क्वालिटी चेक करने पर ज्यादा विश्वास नहीं रखते. उनका मानना होता है कि महंगा है तो बढ़िया है. ऐसे लोग 900 रुपये की बढ़िया जींस पैंट को छोड़कर मॉल से 3 हजार रुपये की जींस पैंट पहनना पसंद करते हैं. ऐसे लोग अगर महीने में 2-3 बार भी ऐसी खरीदारी कर लें तो उनका वहीं पर दिवाला निकल जाता है और बाद में वे दूसरों के सामने आर्थिक तंगी का रोना रोते फिरते हैं.


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