Alzheimer: महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है ये `रहस्यमयी` बीमारी, कहीं आपको तो नहीं हो रहे ये लक्षण

Alzheimer`s disease in woman: महिलाएं घर-गृहस्थी के काम-काज में इतना व्यस्त रहती हैं कि अक्सर खुद पर ध्यान ही नहीं दे पाती हैं. ऐसे में उनके बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है. यहां पर बात टीनेज (Teenager) लड़कियों और युवतियों में तेजी से बढ़ रही उस बीमारी की जिसके फैलने की दर चिंताजनक हो रही है. अल्जाइमर एसोसिएशन की हालिया रिपोर्ट (Alzheimers Association report) इस भूलने वाली बीमारी को लेकर एक बड़ा ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं में अल्जाइमर (Alzheimer) यानी भूलने की बीमारी का खतरा पुरुषों की तुलना में दो गुना होता है. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी के चलते महिलाओं के सोचने और याद रखने की क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है और अब तो ये समस्या 20 साल की युवतियों से लेकर 30 साल की उम्र वाली महिलाओं को भी परेशान कर रही है.

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हार्मोन से जुड़ा मामला

डॉक्टरों के मुताबिक महिलाओं (woman's) में भूलने की बीमारी हार्मोनल हेल्थ की समस्या से जुड़ी है. एक लेटेस्ट मेडिकल (Medical) रिसर्च में महिलाओं में अल्जाइमर (Alzheimer) के बढ़ने की सबसे बड़ी वजह हार्मोनल डिसबैलेंस, सेक्स क्रोमोसोम और खराब जीवन शैली के साइड इफेक्ट बताई गई है. 

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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एक वजह ये भी

हालांकि इस बीमारी का एक कारण शरीर में एस्ट्रोजन (estrogen) की मौजूदगी भी हो सकती है जिसमें उम्र बढ़ने के साथ हार्मोन्स का प्रोडक्शन घटने लगता है और यही मूल वजह संबंधित महिला को अल्जाइमर की ओर ले जाती है. 

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अल्जाइमर की रोकथाम कैसे करें?

शोध के मुताबिक अल्जाइमर की स्थिति दिमाग में एमाइलॉयड-β (amyloid-β) और ताउ प्रोटीन (tau protein) के निर्माण से बनती है. डॉक्टरों का कहना है कि एस्ट्रोजन, अमाइलॉइड-β प्रोटीन के कुछ हानिकारक प्रभावों को रोककर मानव मस्तिष्क को अल्जाइमर से बचाने में मददगार साबित हो सकता है. लेकिन जब इसकी कमी होती है तो ये दिमाग के फंक्शन यानी दिमागी काम-काज को प्रभावित करने लगता है और इस तरह से कोई महिला इस भूलने वाली बीमारी का शिकार बन जाता है.

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ऐसे करें एस्ट्रोजन को बैलेंस

महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन (estrogen in females) को बैलेंस करने के लिए सबसे पहले आपको अपना डेली रुटीन सुधारने की जरूरत है. इसके लिए आपको रोजाना 15 से 30 मिनट की एक्सरसाइज करना जरूरी है. वहीं अपना वजन संतुलित रखने के साथ शुगर कंट्रोल करना भी जरूरी है. 

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जरूरी सलाह

महिलाएं विटामिन D की कमी महसूस होने पर रोजाना सुबह की पहली धूप लें और स्ट्रेस फ्री जीवन जीने की कोशिश करें. दूसरे नंबर पर है आपका खान-पान इसलिए आपको हाई प्रोटीन डाइट लेनी चाहिए. इसके लिए आप अंडा, दाल और मछली का सेवन भी कर सकती हैं. ऐसे कुछ छोटे और बड़े आसान से उपायों को अपनाकर महिलाएं इस बीमारी का खतरा काफी हद तक कम कर सकती हैं.

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कहीं आपको तो नहीं हो रहे ये लक्षण

अगर आपको निम्न में से कोई लक्षण अक्सर महसूस होता है, तो यह अल्जाइमर की शुरुआती चपेट में आने का संकेत हो सकता है. हाल ही में हुई कोई बात या घटना का याद न रहना. वहीं चीजों को रखकर भूल जाना. अपने किसी दोस्त या परिचित का नाम भूल जाना. 

 

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बोलते समय सही शब्द न सोच पाना

हालांकि, इसके अलावा अलग-अलग मरीजों में उनके शरीर के अनुसार कुछ अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं. जैसे बोलते समय सही समय पर उपयुक्त शब्दों का न सोच पाना. अगर आपको भी दिमाग से जुड़े किसी भी प्रकार के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से इस बारे में बात करने में देर नहीं करनी चाहिए.

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कैसे करें रोकथाम?

मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक अल्जाइमर होने के बाद उसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है. लेकिन जिन लोगों को अल्जाइमर का खतरा है, तो कुछ बातों का ध्यान रख कर इसके खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

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जीवन शैली में बदलाव करें

एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि शुरुआती दौर में अगर लक्षणों को पहचानने के साथ उनका सही इलाज शुरू कर दिया जाए तो काफी हद तक इस बीमारी के दुस्प्रभावों से बचा जा सकता है. वहीं सही जीवन शैली अपनाकर भी इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है.

 

फोटो: (सांकेतिक)

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