Handwriting देती है लोगों का परिचय, लिखावट से ऐसे करें व्यक्ति के स्वभाव की पहचान
Handwriting Personality Test: इंसान की लिखावट यानी हैंडराइटिंग (Handwriting) व्यक्तित्व का परिचय देती है और स्वभाव के बारे में बहुत कुछ बताती है. दरअसल, लिखावट का सीधा संबंध इंसान की साइकोलॉजी से होता है और इसी से उसके व्यवहार का पता चलता है. अमेरिकी मैग्जीन रीडर्स डाइजेस्ट (Reader`s Digest) में लिखावट को स्वभाव से जोड़कर व्याख्या की गई है.
शब्दों (Words) के बीच ज्यादा स्पेस देने वाले लोग आजादी पसंद होते हैं, जबकि जो लोग शब्दों के बीच ज्यादा स्पेस नहीं रखते हैं, उन्हें लोगों के साथ रहना पसंद होता है. वहीं, अगर कोई इंसान शब्दों को बहुत ज्यादा मिलाकर लिखता है तो उसका स्वभाव किसी की जिंदगी में बहुत ज्यादा घुसने वाला और भीड़ पसंद हो सकता है.
लिखावट में शब्दों के साइज से भी स्वभाव का पता लगता है. बड़े आकार में लिखने वाले लोग सोशल होते हैं, जबकि छोटे आकार में लिखने वाले लोग शर्मीले और इंट्रोवर्ट होते हैं. वहीं मीडियम साइज में लिखने वाले लोग ध्यान केंद्रित करने और मजबूत क्षमता वाले होते हैं.
लिखने के स्टाइल से भी इंसान के स्वभाव का पता लगाया जा सकता है. अगर कोई लिखते समय पेन पर बहुत ज्यादा प्रेशर डालता है तो यह उसके गुस्से और टेंशन को दिखाता है. वहीं, कम प्रेशर डालकर लिखने वाले लोग सहानुभूतिपूर्ण और संवेदनशील होते हैं, लेकिन इनकी जिंदगी में शक्ति की कमी भी हो सकती है. मीडियम प्रेशर से लिखने वाले लोगों का स्वभाव उनके प्रतिबद्धता को दिखाता है.
दो अक्षरों (Charactera) के बीच कम या ज्यादा स्पेस रखना भी आपके स्वभाव को दर्शाता है. अगर कोई लिखते समय अक्षरों के बीच कम स्पेस रखता है तो वह तर्क को महत्व देने वाला हो सकता है. इसके साथ ही वह ज्यादातर फैसले तथ्यों और अनुभव के आधार पर लेता है. वहीं दो अक्षरों के बीच ज्यादा स्पेस रखने वाले लोग अधिक कल्पनाशील या आवेगी हो सकते हैं. ऐसे लोग अंतर्ज्ञान के आधार पर निर्णय लेते हैं.
तिरछी लिखावट भी व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ कहती है. अगर किसी की लिखावट दाईं तरफ तिरछी है तो ये बताती है कि उस इंसान को नए लोगों से मिलना और उनके साथ काम करना पसंद है, जबकि लिखावट बाईं तरफ तिरछी होने का मतलब है कि इंसान खुद को पसंद करता है और ज्यादा लोगों से नहीं मिलना चाहता है.
लिखने की स्पीड भी स्वभाव के बारे में बहुत कुछ बताती है और तेज लिखने वाले लोग बेसब्री वाले होते हैं और उन्हें समय बर्बाद करना पसंद नहीं होता है. वहीं, स्लो लिखने वाले लोग आत्मनिर्भर और व्यवस्थित होते हैं.