इस तरह से बनती है Shilajit, इसके सेवन से हैं कई चमत्कारी फायदे
शिलाजीत (Shilajit) आपने इस दवाई के विज्ञापन को टीवी पर जरूर देखा होगा. शिलाजीत (Shilajit) के सेवन से कई तरह की बीमारियों का उपचार होता है. आज हम आपको बताएंगे कि शिलाजीत कहां पाया जाता है और कैसे बनता है?
क्या होता है शिलाजीत?
शिलाजीत मुख्य रूप से हिमालय, तिब्बत और गिलगिट क्षेत्र में मौजूद कुछ खास तरह की चट्टानों में पाया जाता है. शिलाजीत गाढ़े भूरे रंग का होता है. यह पहाड़ों की गुफाओं में मौजूद धातुओं और पौधों के घटकों से मिलकर बनता है. शिलाजीत का पहाड़ों की गुफाओं में खोजना बहुत मुश्किल काम होता है. इसलिए भारतीय बाजार में इसको ऊंची कीमत में बेचा जाता है. भारत में 10 ग्राम शिलाजीत की कीमत 200 से 800 रूपए होती है.
शिलाजीत बनाने की प्रक्रिया
पहाड़ों से निकलने वाले पत्थरों के अंदर शिलाजीत मौजूद होता है. बाद में इसकी साफ-सफाई करने के बाद फिल्टर करते हैं. फिर शिलाजीत के पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े किए जाते हैं और उनके एक बड़े बर्तन में डालकर घुमाया जाता है. ऐसा करने से शिलाजीत अच्छी तरह से पानी में घुल जाता है और आखिर में शिलाजीत के पानी हो छाना जाता है. साथ ही उसके हानिकारण कणों को छानकर अलग कर दिया जाता है.
इन बीमारियों में है लाभदायक
शिलाजीत दवाई बनाने में काफी लंबा समय लगता है. इसमें 86 प्रकार के खनिज तत्व पाए जाते हैं. शिलाजीत के सेवन से शरीर में रक्त संचार तेज होता है. यह अल्जाइमर, डायबिटीज, डिप्रेशन आदि बीमारियों में लाभदायक होता है.