Raw Milk: कच्चा दूध पीने के ये 5 अनोखे फायदे और नुकसान, दिल और दिमाग पर पड़ता है गहरा असर
कच्चा दूध पीने का चलन अब बढ़ता जा रहा है क्योंकि इसमें पोषक तत्व बिना किसी प्रोसेसिंग के सीधे मिलते हैं. इसे सुपरफूड भी माना जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं.
कच्चा दूध पीने का चलन अब बढ़ता जा रहा है क्योंकि इसमें पोषक तत्व बिना किसी प्रोसेसिंग के सीधे मिलते हैं. इसे सुपरफूड भी माना जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कच्चे दूध के फायदे के साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं?
जहां यह दिल और दिमाग की सेहत को बेहतर बना सकता है, वहीं यह कई सेहत को खतरे में भी डाल सकता है. जानिए कच्चा दूध पीने के पांच खास फायदे और नुकसान, ताकि इसे पीने से पहले आप इसके असर को समझ सकें.
1. अच्छे बैक्टीरिया की मौजूदगी
कच्चे दूध में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो अच्छे बैक्टीरिया की तरह काम करते हैं. ये आपके पेट की सेहत में सुधार कर सकते हैं और आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकते हैं. पेट की सेहत सीधे दिमाग से जुड़ी होती है, इसलिए प्रोबायोटिक्स का असर मेंटल हेल्थ पर भी पड़ सकता है. लेकिन, कच्चे दूध में हानिकारक बैक्टीरिया भी हो सकते हैं, जो दिल और दिमाग के संक्रमण का खतरा बढ़ा सकते हैं.
2. पोषक तत्वों की भरमार
कच्चे दूध में कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं. ये तत्व दिल की मसल्स को मजबूत बनाते हैं और दिमाग के सेल्स को पोषण देते हैं. ये तत्व ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करते हैं, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है.
3. फैटी एसिड का सोर्स
कच्चे दूध में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो दिल और दिमाग की सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. ये एसिड सूजन को कम करते हैं और मेंटल हेल्थ में सुधार लाते हैं. ओमेगा-3 से दिल की नसों में लचीलापन बना रहता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो सकता है.
4. संक्रमण का खतरा
कच्चे दूध में पाश्चराइजेशन की कमी होती है, जिससे इसमें हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस मौजूद हो सकते हैं. इनसे लिस्टेरिया, सैल्मोनेला जैसी बीमारियां हो सकती हैं, जो दिल और दिमाग को प्रभावित कर सकती हैं.
5. न्यूरोलॉजिकल प्रभाव
कच्चे दूध में मौजूद विटामिन बी12 और फोलिक एसिड दिमाग की नसों को पोषण देने में सहायक होते हैं, जिससे दिमाग के काम करने की क्षमता बढ़ती है. लेकिन, इसके साथ ही अगर कच्चा दूध ठीक से स्टोर न किया जाए, तो न्यूरोलॉजिकल संक्रमण का खतरा भी रहता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.