बच्चे के जन्म के बाद डिप्रेशन होना आम तौर पर महिलाओं से जोड़ा जाता है, लेकिन पुरुष भी प्रसवोत्तर अवसाद का अनुभव कर सकते हैं. इसे पोस्टनेटल डिप्रेशन या पोस्टपार्टम डिप्रेशन भी कहा जाता है. कई बार पुरुष खुद ही अपनी इस परेशानी को नहीं पहचान पाते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रसवोत्तर अवसाद आम है, जो 5 में से 1 नई माताओं और 10 में से 1 नए पिता को प्रभावित करता है.

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बच्चा होने के बाद पति और पत्नी से दूरी इसका एक साइड इफेक्ट हो सकता है. इसलिए इस समस्या को समझना और इसके उपचार के विकल्पों को जानना बहुत पुरुषों के लिए बहुत जरूरी है. खासतौर पर यदि आप हाल ही में पिता बने हैं या बनने वाले हैं.


पुरुषों में प्रसवोत्तर अवसाद क्या है?

प्रसवोत्तर अवसाद एक तरह का डिप्रेशन है जो पुरुषों को बच्चे के जन्म के बाद हो सकता है. यह आमतौर पर जन्म के कुछ हफ्तों या महीनों के अंदर शुरू होता है.


पुरुषों में प्रसवोत्तर अवसाद के कारण

पुरुषों में प्रसवोत्तर अवसाद के ठीक-ठीक कारणों का अभी पूरी तरह पता नहीं चल पाया है. लेकिन माना जाता है कि हार्मोनल परिवर्तन, नींद की कमी, जिम्मेदारियों में वृद्धि, पार्टनर का डिप्रेशन, अकेलापन इसका कारण हो सकते हैं


पोस्टनेटल डिप्रेशन के लक्षण


  • उदासी या निराशा की भावना

  • चिड़चिड़ापन और गुस्सा

  • थकान और ऊर्जा की कमी

  • भूख में कमी या वृद्धि

  • नींद में परेशानी

  • काम पर ध्यान लगाने में कठिनाई

  • बच्चे के साथ जुड़ने में कठिनाई

  • जीवन में रुचि का कम होना

  • आत्महत्या के विचार


पोस्टनेटल डिप्रेशन का इलाज

पोस्टनेटल डिप्रेशन से निपटने के लिए आप थेरेपिस्ट की मदद ले सकते हैं.  कुछ मामलों में, डॉक्टर अवसाद के लक्षणों को कम करने के लिए दवा लिख सकते हैं. इसके अलावा पर्याप्त नींद लेना, स्वस्थ खाना और व्यायाम करना आपके मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. डिप्रेशन से निकलने के लिए अपने पार्टनर, परिवार और दोस्तों से बात करें कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं. 

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Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मारने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्त हेल्पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें.