कसरत न सिर्फ शरीर, बल्कि दिमाग को भी बनाती है तेज; सीखने की कला और याददाश्त भी होती है बेहतर
अच्छी सेहत के लिए व्यायाम करना कितना जरूरी है, यह हम सभी जानते हैं. व्यायाम करने से न सिर्फ हमारा फिजिकल हेल्थ अच्छी रहती है, बल्कि मेंटल हेल्थ भी बेहतर होती है.
अच्छी सेहत के लिए व्यायाम करना कितना जरूरी है, यह हम सभी जानते हैं. व्यायाम करने से न सिर्फ हमारा फिजिकल हेल्थ अच्छी रहती है, बल्कि मेंटल हेल्थ भी बेहतर होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नियमित व्यायाम करने से हमारे दिमाग का काम भी बेहतर होता है और दिमाग का आकार भी बढ़ सकता है
हाल ही में हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि नियमित व्यायाम करने से दिमाग के उस पार्ट में वृद्धि हो सकती है, जो सीखने और मेमोरी के लिए महत्वपूर्ण होता है. यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉम्प्लिमेंटरी मेडिसिन और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के मनोविज्ञान और मेंटल हेल्थ विभाग के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था.
737 लोगों पर हुआ अध्ययन
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में 24 से 76 वर्ष की आयु के 737 लोगों को शामिल किया. इनमें से कुछ हेल्दी लोग थे, कुछ को हल्की मानसिक गिरावट (जैसे अल्जाइमर रोग के लक्षण) थी और कुछ को मानसिक बीमारी (जैसे डिप्रेशन) का पता चला था. शोधकर्ताओं ने इन लोगों के दिमाग का स्कैन किया और फिर उन्हें तीन से 24 महीने तक चलने वाले एक्सरसाइज प्रोग्राम में शामिल किया गया. इन प्रोग्राम में शामिल लोगों को हफ्ते में दो से पांच बार एरोबिक व्यायाम (जैसे साइकिल चलाना, पैदल चलना या ट्रेडमिल पर दौड़ना) करना था.
अध्ययन का परिणाम
अध्ययन के परिणामों से पता चला है कि एक्सरसाइज प्रोग्राम में पार्ट लेने वाले लोगों के दिमाग के हिप्पोकैम्पस (hippocampus) क्षेत्र में वृद्धि हुई थी. हिप्पोकैम्पस दिमाग का वह क्षेत्र है जो सीखने, मेमोरी और स्थानिक स्मृति (spatial memory) के लिए महत्वपूर्ण होता है. उम्र के साथ, हमारा हिप्पोकैम्पस आमतौर पर सिकुड़ने लगता है, जिससे सीखने और मेमोरी संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
ब्रेन डैमेज से भी रोकने में मदद
इस अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि नियमित व्यायाम न केवल उम्र बढ़ने के साथ होने वाले ब्रेन डैमेज को रोकने में मदद कर सकता है, बल्कि दिमाग के काम को भी बेहतर बना सकता है. अध्ययन में शामिल शोधकर्ताओं का कहना है कि व्यायाम एक किफायती और सुलभ तरीका है, जिससे दिमाग की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है. हालांकि, इस अध्ययन में शामिल कुछ लोगों को मानसिक बीमारी थी. यह देखने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है कि क्या व्यायाम का दिमाग के काम पर एक जैसा प्रभाव उन लोगों पर भी पड़ता है, जिन्हें मानसिक बीमारी है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.