किसी भी रिश्ते की मजबूती का आधार होता है अच्छी बातचीत. चाहे पति-पत्नी का रिश्ता हो, माता-पिता और बच्चों का, दोस्तों या ऑफिस के दोस्तों का, हर रिश्ते में खुला और ईमानदार बातचीज ही समस्याओं को सुलझाने और प्यार को बनाए रखने की कुंजी है.


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हालांकि, अक्सर हम यही भूल जाते हैं कि बातचीत करना ही काफी नहीं है, बल्कि बातचीत का तरीका भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. तो आइए जानते हैं कैसे प्रभावी बातचीत किसी भी रिश्ते की समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है.


सुनना सीखें
किसी भी बातचीत में सुनना उतना ही जरूरी है जितना बोलना. अपने पार्टनर को बोलने दें, उनकी बातों को बिना किसी रूकावट के ध्यान से सुनें. सिर्फ सुनना ही नहीं, बल्कि उनके इमोशन को समझने की कोशिश करें. अक्सर गलतफहमी सिर्फ इसलिए हो जाती है क्योंकि हम दूसरों को बिना समझे ही जवाब दे देते हैं.


'मैं' की जगह 'हम' का इस्तेमाल करें
बातचीत के दौरान 'मैं' की जगह 'हम' का इस्तेमाल करने की कोशिश करें. इससे आपसी समझ बढ़ती है और समस्या को एक साथ मिलकर सुलझाने का माहौल बनता है. उदाहरण के लिए, 'मुझे लगता है तुम मुझसे नाराज हो' कहने के बजाय, 'मुझे लगता है हमारी बातचीत से कुछ गलतफहमी हो गई है' कहना बेहतर होगा.


आरोप लगाने से बचें
किसी भी समस्या को सुलझाने के लिए आरोप लगाना सही तरीका नहीं है. इससे सामने वाले को बुरा लग सकता है और बातचीत बिगड़ सकती है. अपने इमोशन को बयां करें, लेकिन दूसरों को दोष देने से बचें.


सम्मान बनाए रखें
किसी भी बातचीत में, चाहे आप कितने भी गुस्से में हों, सम्मान बनाए रखें. अपशब्दों का इस्तेमाल न करें और सामने वाले की बातों को बीच में न काटें. याद रखें, सम्मानजनक बातचीत ही समस्याओं का हल निकाल सकती है.


समाधान खोजने पर ध्यान दें
बातचीत का मकसद सिर्फ शिकायत करना या गुस्सा निकालना नहीं होना चाहिए. इसका असली मकसद समस्या का हल खोजना होना चाहिए. बातचीत के दौरान इस बात पर ध्यान दें कि आप समस्या को कैसे सुलझा सकते हैं, न कि बस यह बताने पर कि आप कितने परेशान हैं.


सही समय और जगह चुनें
किसी गंभीर बातचीत के लिए सही समय और जगह चुनना बहुत जरूरी है. जब आप दोनों शांत और बातचीत के लिए तैयार हों, तभी इस तरह की बात करें. तनावपूर्ण माहौल में बातचीत करने से समस्या और बिगड़ सकती है.


एक्सपर्ट की मदद लें
अगर आप खुद समस्या का हल नहीं निकाल पा रहे हैं तो एक्सपर्ट की मदद लेने में कोई बुराई नहीं है. रिलेशनशिप काउंसलर आप दोनों को अपनी बात कहने और सुनने का मौका दे सकते हैं और समस्या को सुलझाने में आपकी मदद कर सकते हैं.