Difference Between Soft Launch and Hard Launch in a Relationship: वक्त के साथ हमारे रिलेशनशिप भी कॉम्पलिकेटेड होते जा रहे हैं, इसमें कई तरह के टर्म्स और फेजेज की बात कई जा रही है. आपने अब तक सिचुएशनशिप, बेंचिंग और ब्रेडक्रंबिंग के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप रिश्ते में सॉफ्ट लॉन्च और हार्ड लॉन्च के बारे में जानते हैं. अगर नहीं, तो हम आज आपका ये काम आसान कर देते हैं. 


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क्या है सॉफ्ट लॉन्च?


जब आप अपने रिलेशनशिप की सॉफ्ट लॉन्चिंग करते हैं, तो फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ये ऐलान करते हैं कि आप किसी रिश्ते में इंवॉल्व हो चुके हैं, लेकिन पार्टनर का चेहरा या पहचान जाहिर नहीं करते. इस सिचुएशन में आप फेस दिखाए बिना हाथ थामते हुए, दिल की इमोजी बनाकर, साथ चलते हुए या रिंग पहनाते हुए फोटो या वीडियो पोस्ट करते हैं. इससे लोगों को ये पता चलता है कि अब आप सिंगल नहीं रहे,लेकिन किसके साथ प्यार में हैं, ये जाहिर नहीं होता.



क्या है हार्ड लॉन्च?

जब आप अपने रिलेशनशिप की हार्ड लॉन्चिंग करते हैं, तो इसका मतलब ये है कि आप रिश्ते के बारे में खुलकर अपने इमोशन जाहिर करते हैं. इसमें पार्टनर की पहचान को छिपाया नहीं जाता. आप सोशल मीडिया साइट्स या ऐप्स पर उनकी फोटो पोस्ट करते हैं और टैग करते हैं. एक तरह से आप दुनिया को ये बताते हैं कि "खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे हम दोनों, इस दुनिया से नहीं डरेंगे हम दोनों."



क्या है दोनों में फर्क?


सॉफ्ट लॉन्च में ये तो बताया जाता है कि आप किसी रिलेशनशिप में हैं, जिससे कोई आपको सिंगल न समझे और आपके साथ इंवॉल्व होने की कोशिश न करें, लेकिन आप ये बताने से डरते हैं कि पार्टनर कौन है. ऐसा इसलिए किया जाता है कि अगर किसी वजह से रिश्ता टूट जाता है, तो डैमेज कम होगा. वहीं हार्ड लॉन्चिंग में आप रिश्ते को लेकर ज्यादा सीरियस नजर आते हैं, ये आपके कमिटमेंट को बताता है, यानी इस वक्त आप उस इंसान के साथ जिंदगीभर का साथ चाहते हैं.