Winter Sleeping Tips: अक्सर आपने देखा होगा कि सर्दियों के मौसम में लोग बिस्तर से बाहर नहीं निकलना चाहते हैं. लोग ऐसे मौसम में खूब सोते हैं. लेकिन क्यों? क्या आपको पता है? अगर नहीं तो आज हम आपको इन्हीं सवालों का जवाब बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है.


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बायोलॉजिकल क्लॉक प्रभावित होना


सर्दियों में ज्यादा सोने का कारण है हमारे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक प्रभावित होना. क्योंकि हमारा शरीर मौसम के प्रभाव और शारीरिक क्रियाओं से जुड़ा हुआ है. ऐसे में बायोलॉजिकल क्लॉक हमारे शरीर में इनबिल्ट होता है. जिसे मनुष्यों का जैविक घड़ी भी कहा जाता है. इसे सर्केडियन रिद्म कहते हैं. मानव शरीर में इनबिल्ट यह घड़ी दिन और रात के बदलते समय के मुताबिक शरीरिक क्रियाओं को कंट्रोल करती है.


सूर्य की ताप से प्रभावित होने वाली घड़ी


सर्केडियन रिद्म सूर्य की ताप से प्रभावित होने वाली घड़ी है. ऐसे में जैसे जैसे सूर्य की रोशनी कम होती है और दिन छोटे हो जाते हैं वैसे-वैसे हमारी नींद बढ़ती है. दरअसल, सर्केडियन रिद्म जब सूर्य से प्रभावित होता है तो इससे मेलाटोनिन हार्मोन बढ़ता है और यह नींद को बढ़ावा देता है.


शरीर को चाहिए ज्यादा एनर्जी


इसके अलावा जब भी बाहर का तापमान कम होता है तो शरीर को अपना तापमान कंट्रोल करना होता है. इंटर्नल तापमान को कंट्रोल करने के लिए शरीर को ज्यादा एनर्जी की जरूरत महसूस होती है और यह एनर्जी सोने से मिल जाती है. यही कारण है कि लोग सर्दियों में ज्यादा सोते हैं. इसके अलावा इस समय जो भी व्यक्ति शारिरिक काम करता है वह जल्द थक जाता है.


विटामिन डी की कमी


सर्दियों में सूर्य की रोशनी कम मिलती है इस कारण शरीर को विटामिन डी उतना नहीं मिल पाता है जितना चाहिए. इस कारण भी शरीर की एनर्जी कम हो जाती है और हम जल्दी थक जाते हैं या सोने की कोशिश में जुट जाते हैं. ठंडी के मौसम में लोग शांति का एहसास करते हैं इस कारण भी लोगों की नींद आती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)