पीरियड्स महिलाओं के स्वास्थ्य का अहम हिस्सा है. इस दौरान महिलाओं को कई तरह से फिजिकल और इमोशनल ब्रेकडाउन का सामना भी करना पड़ता है. कई महिलाओं के लिए पीरियड्स के शुरुआती 24 घंटे बहुत मुश्किल और दर्द भरे होते हैं, जिसके कारण उन्हें अपना रूटीन वर्क में भी परेशानी होती है. 


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ऐसे में मेंस्ट्रूएशन लीव एक बड़ी राहत साबित हो सकती है. वैसे तो हमारे देश में महिलाओं के सेहत से जुड़ी इस व्यवस्था का कोई प्रावधान नहीं है. स्कूल से लेकर ऑफिस तक इसकी जरूरत को नकारा जाता है. लेकिन हाल ही में सिक्किम विश्वविद्यालय ने पीरियड्स पर छात्राओं को एक दिन की छुट्टी की अनुमति दी है.  


क्यों जरूरी है मेंस्ट्रूएशन लीव?


- पीरियड्स के दौरान महिलाएं कई शारीरिक समस्याओं का सामना करती हैं, जैसे ऐंठन, सिरदर्द, मतली, और थकावट. इन लक्षणों के कारण कार्य पर ध्यान केंद्रित करना कठिन होता है. 


- पीरियड्स में हार्मोनल बदलाव भी होते हैं, जिससे मूड स्विंग्स और तनाव. ऐसे में, महिलाओं को मानसिक राहत की जरूरत होती है. इसके अभाव में मेंटल हेल्थ निगेटिव तरीके से प्रभावित हो सकता है. 


- आज के समय में जब महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर काम कर रही हैं, तो यह जरूरी है कि उनके स्वास्थ्य और आराम को भी समान महत्व दिया जाए. पीरियड्स में ब्लड स्पॉट की चिंता लगातार बनी रहती है, जो महिलाओं की कॉन्फिडेंस को कम करता है. 

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इन देशों में मिलती है पीरियड्स में छुट्टी

स्पेन, इंडोनेशिया, साउथ कोरिया, ताइवन, जाम्बिया, जापान, फिलीपींस जैसे देशों में महिलाओं के लिए महीने में एक बार पीरियड्स में पेड लीव लेने की व्यवस्था है. हालांकि, भारत के पार्लियामेंट में भी इसे लेकर कई बार बहस हुई है, लेकिन इसे लेकर अभी तक महिलाओं के हक में कोई फैसला नहीं आया है. 

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