पीरियड्स के दौरान इन बातों का रखें खास ध्यान, नहीं होगी परेशानी
पीरियड्स के दौरान की जाने वाली आम सी दिखने वाली लापरवाही या भूल आपको जीवनभर के लिए पेरशान कर सकती है.
नई दिल्ली: पीरियड्स के दौरान कई बार भूलवश या थोड़े से आलस के कारण फीमेल्स ऐसी लापरवाही कर बैठती हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य को बेहद नुकसान होता है. खासकर टीनएज में लड़कियां पीरियड्स को गंभीरता से नहीं लेतीं और इंफेक्शन (Infection) या दूसरी बीमारियों का शिकार हो जाती हैं. ऐसे में पीरीयड्स को लेकर जहां संकोच छोड़ने की जरूत है, वहीं साफ-सफाई और कुछ बातों का विशेष ध्यान देना जरूरी है. पीरियड्स के दौरान की जाने वाली आम सी दिखने वाली लापरवाही या भूल आपको जीवनभर के लिए पेरशान कर सकती है. इसलिए आइए जानें कि पीरियड्स के दौरान किन बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है.
हर तीन से चार घंटे पर सेनेटरी पैड बदलें
अधिकतर देखा जाता है कि सेनेटरी पैड को फीमेल तभी चेंज करती हैं जब उनकी सोकिंग कैपेसिटी कम होने लगती है या फि खत्म हो जाती है. अगर आप भी ऐसा करती हैं तो सावधान हो जाइये. ऐसा करना एक गंभीर बीमारी का कारण हो सकता है. पैड्स को हर तीन घंटे पर चेंज करना चाहिए, ताकि बैक्टिरियल इंफेक्शन से बचा जा सके. पैड गंदा हो या न हो आपको इसे चेंज करना ही चाहिए.
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पीरियड्स के दौरान हैवी एक्सरसाइज
फिटनेस फ्रीक लड़कियों को इस बात का ध्यान देना जरूरी है कि पीरियड्स के दौरान कभी भी उन्हें हेवी एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए और न ही पेट से जुड़ी एक्सरसाइज करनी चाहिए. पीरियड्स के दौरान हैवी एक्सरसाइज करने से उनके यूट्रस पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है. इससे उसे क्षति भी हो सकती है. पीरियड़स में वॉक करना सही रहता है.
खानपान में लापरवाही करना
पीरियड्स में अपने खानपान को लेकर बहुत गंभीर होना चाहिए. इस दौरना ब्लड लॉस ज्यादा होता है, ऐसे में न्यूटिशियस फूड लेना जरूरी है और पानी की कमी शरीर में नहीं होनी चाहिए. इसलिए खूब पानी पिएं. पीरियड्स में आयरन और कैल्शियम रिच फूड के साथ विटामिन डी जरूरी लेना चाहिए. इससे पीरियड्स की सामान्य दिक्कतें भी दूर होती हैं.
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मेंस्ट्रुअल कप यूज करते समय सावधानी
पीरियड्स में पैड से अच्छा और सुविधाजनक मेंस्ट्रुअल कप होता है, लेकिन इसे यूज करने में भी सावधानी जरूर रखें. मेंस्ट्रुअल कप को हर दो घंटे पर साफ करना चाहिए, क्योंकि इसमें कलेक्ट ब्लड नजर तो नहीं आता लेकिन ये वजाइना इंफेक्शन का कारण बन सकता है. टैंपून को भी हर दो घंटे में चेंज करते रहें.
इनरवियर को भी करते रहें चेंज
इनरवियर यदि गंदा नहीं भी होता तो उसे दिन में कम से कम दो बार चेंज जरूर करें. ऐसा केवल पीरियड्स के दौरान ही नहीं बल्कि सामान्य दिनों में भी करना चाहिए. टीनएजर्स को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यदि शुरुआत में इन बातों के प्रति लापरवाही कि जाए तो वजाइनल इंफेक्शन कई बार एसटीडी (Sexually Transmitted Disease) में भी बदल जाता है.