आखिर क्या होती है Gaslighting, जिसका इस्तेमाल कर दिमाग पर किया जा सकता है कंट्रोल?
Gaslighting के बारे में आपने जरूर सुना होगा, इसका इस्तेमाल हम आमतौर पर करते ही हैं, लेकिन ये कितना खतरनाक हो सकता है, इसके क्या संकेत हैं, आइए जानते हैं सब.
"Tell a lie often enough, it becomes the truth.”
एक झूठ को इतनी बार बोलो कि वो सच बन जाए
Dark Psychology, Psychology का ही Dark हिस्सा है जिसे जाने अनजाने में कई लोग इस्तेमाल करते हैं. इसका इस्तेमाल लोगों को Manipulate करने के लिए किया जाता है, उनकी सोच को बदलने के लिए किया जाता है, कई लोग तो इसका इस्तेमाल कर इंसान को खुद पर ही शक करने के लिए मजबूर कर देते हैं. वैसे तो इसके कई तरीके हैं पर हम जानेंगे Gaslighting के बारे में.
क्या होती है Gaslighting?
ब्रिटेन में 1938 में एक शो किय गया था जिसमें पति अपनी पत्नी को Manipulate करता है, इसके लिए वो कई तरीके आजमाता है जैसे पत्नी ने Gaslight को चालू किया और चली गई तो उसका पति उसे धीमा कर देता. पत्नी के पूछने पर पति कहता वो तो पहले से ऐसे ही है. ऐसे ही कई तरीकों से उसने अपने पत्नी के दिमाग में शक भरा जिससे उसकी पत्नी खुद पर ही शक करने लगी. धीरे धीरे पति ने अपने पत्नी को ये एहसास दिला दिया कि वो पागल हो चुकी है, और वो पागल भी हो गई.
Gaslighting काफी खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसमे इंसान की सोच को पूरी तरह बदल दिया जाता है, इतना ज्यादा कि इंसान का Self Trust तोड़ दिया जाता है. इसमें एक Loophole भी है, अगर टार्गेट Emotionally कमजोर नहीं है तो उसे Gaslight नहीं किया जा सकता. ये तरीका उसी इंसान पर काम करता है जो खुद पर बहुत आसानी से शक करने लगता हो, जो सच्चाई को नकारता हो क्योंकि तब ही उसकी सोच को तोड़ा जा सकता है. Gaslighting का आखिरी पड़ाव Brainwashing हो सकता है. एक ही झूठ को बार बार बोला जाता है जब तक कि उसकी सोच न बदल जाए. आखिर में टार्गेट की सोच एक कोरा पन्ना बन जाती है जिसपर कुछ भी लिखना आसान हो जाता है.
कैसे करते हैं Gaslighting?
अगर कोई आपको Gaslight करता है तो वो आपके दिमाग में आपके प्रति ही शक पैदा करेगा. ये शक आगे चलकर इतना ज्यादा हो जाएगा कि आप उस इंसान पर पूरी तरह निर्भर हो चुके होंगे. एक स्टेट आ सकता है जब आपको पता चल जाए कि आपको Manipulate किया जा रहा है तो Gaslighter आपको ही गुनहगार बता सकता है या आपसे कुछ समय के लिए दूर चला जाएगा, जिससे आपको उसकी कमी खलने लगेगी और आप खुद उसके पास चले जाएंगे. उदाहरण के लिए वो आपसे ये भी कह सकता है कि मैं मजाक कर रहा था, मुझे नहीं पता था तुम इतने कमजोर हो, शायद तुम ये सब जानबूझ कर करते हो, मैं तुम्हारी बहुत चिंता करता हूं.
इसके अलावा एक तरीका और है Gaslight करने का जिसमें टार्गेट के बुरे Experiences को सामने लाकर रखा जाता है और बताया जाता है कि वो आपके साथ हैं.
Gaslight करने के परिणाम
Gaslight के बाद इंसान के पास खुद पर शक करने के अलावा कुछ नहीं बचता. इंसान Depression में भी चला जाता है, इसका दूसरा स्टेज है जिसमें इंसान खुद को हर चीज के लिए जिम्मेदार मानेगा. इसका मतलब है कि वो Gaslight करने वाले के ऊपर इतना ज्यादा विश्वास करने लगता है कि वो अपने परिवार से लड़ सकता है.
Gaslighting से बचने का तरीका
अपनी सोच पर यकीन करें, अपने आप पर यकीन करें. अगर आप अपनी ही अस्लियत पर शक करने लगे तो आपके पास केवल झूठ बचेगा, जिसे आपने ही बनाया होगा. बार बार बोला गया झूठ सच नहीं होता लेकिन सच के बराबर होता है. इसलिए खुद पर विश्वास करें.
Disclaimer- इस खबर को पढ़ने कि लिए शुक्रिया. इस खबर में हमने Gaslighting क्या होती है, बताने की कोशिश की है. इसे किसी पर भी इस्तेमाल न करें. इस खबर को लिखने का मकसद आपको Gaslighting के प्रति केवल जागरुक करना है.