स्लीप एपनिया क्या है? जानें नींद की बीमारी कैसे बन रही कैंसर का कारण, सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई!
स्लीप एपनिया, एक ऐसी बीमारी है जो न केवल नींद को प्रभावित करती है बल्कि इसके गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी हैं. कई अध्ययनों ने यह साबित किया है कि स्लीप एपनिया का इलाज न होने पर यह मौत तक भी ले जा सकती है.
स्लीप एपनिया, एक ऐसी बीमारी है जो न केवल नींद को प्रभावित करती है बल्कि इसके गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी हैं. कई अध्ययनों ने यह साबित किया है कि स्लीप एपनिया का इलाज न होने पर यह मौत तक भी ले जा सकती है. हालांकि, एक नई रिसर्च में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि स्लीप एपनिया और कैंसर के बीच भी एक खतरनाक संबंध हो सकता है.
हाल ही में जर्नल ऑफ क्लिनिकल स्लीप मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जिन मरीजों को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) है, उनमें किडनी, ब्रेस्ट और पाचन तंत्र के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. अध्ययन में 1,990 स्लीप एपनिया मरीजों का 13 साल तक फॉलोअप किया गया, जिसमें 181 मरीजों में कैंसर विकसित हो गया. इसके अलावा, पहले किए गए रिसर्च में यह पाया गया था कि स्लीप एपनिया से पीड़ित मरीजों में कैंसर के मामले लगभग 26% अधिक होते हैं.
आखिर क्यों बढ़ता है कैंसर का खतरा?
विशेषज्ञों का मानना है कि स्लीप एपनिया से ग्रसित लोग नींद के दौरान सही से सांस नहीं ले पाते, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो बाधित होता है. इससे लंबे समय तक शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर डीएनए और सेल्स को नुकसान पहुंचता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है. ऑक्सीजन की कमी 'ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस' का कारण बनती है, जो शरीर में 'बायोकेमिकल प्रतिक्रियाओं' की एक सीरीज को ट्रिगर करती है और कैंसर के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाती है.
स्लीप एपनिया और सामान्य स्वास्थ्य
ग्लेनईगल्स अस्पताल (मुंबई) के डॉ. समीर गार्डे के अनुसार, स्लीप एपनिया का संबंध दिल की बीमारी, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज और मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसी कई बीमारियों से है. इसके कारण दिमाग पर भी दबाव पड़ सकता है और मानसिक क्षमता में गिरावट आ सकती है, जिससे जीवन की क्वालिटी प्रभावित होती है.
स्लीप एपनिया और कैंसर
क्या स्लीप एपनिया और कैंसर के बीच कोई सीधा संबंध है? इस पर एक्सपर्ट का मानना है कि अभी तक पूरी तरह से पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के कारण शरीर में कैंसर का खतरा बढ़ने की संभावना जरूर है. नींद के दौरान ऑक्सीजन लेवल गिरने से ट्यूमर के विकास के लिए अनुकूल स्थिति बन सकती है. इसलिए, अगर आपको स्लीप एपनिया के लक्षण दिखते हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें और जल्द से जल्द इसका इलाज करवाएं.
स्लीप एपनिया के लक्षण
स्लीप एपनिया से पीड़ित लोग रातभर अक्सर करवटें बदलते रहते हैं और बेचैनी के लक्षण दिखाते हैं. अगर आप खुद को लात मारते, घिसटते, झटके खाते या अस्त-व्यस्त चादरों के ढेर के नीचे जागते हुए पाते हैं, तो स्लीप एपनिया इसका संभावित कारण हो सकता है. जब आपको रात में सांस लेने में दिक्कत होती है, तो आपकी नींद में खलल पड़ता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.