Breast Cancer In Young Women: पिछले कुछ दशकों सें भारतीय महिलाओं के लिए ब्रेस्ट कैंसर एक बड़ा खतरा बनते जा रहा है, अगर अर्ली डायग्नोसिस न हो तो ये बीमारी काफी ज्यादा पेनफुल हो सकती है. दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. मंदीप सिंह मल्होत्रा (Dr. Mandeep Singh Malhotra) ने बताया कि भारत में यंग वूमेन को स्तन कैंसर का खतरा इतना ज्यादा क्यों हो रहा है? इसके एक नहीं, कई कारण हैं, आइए इन पर नजर डालते हैं.
 


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भारत में यंग वूमेन में क्यों बढ़ रहे हैं ब्रेस्ट कैंसर के मामले?



1. लाइफस्टाइल और रिप्रोडक्टिव फैक्टर्स (Lifestyle And Reproductive Factors)



-अर्ली मेनार्क (Early Menarche): जिस उम्र में लड़कियों को पहला मासिक धर्म होता है उसमें कमी होना उनके ओवरऑल एस्ट्रोजन के एक्सपोजर को बढ़ाता है, जो ब्रेस्ट कैंसर का एक अहम फैक्टर है.


-फिजिकली इन एक्टिव लाइफस्टाइल (Sedentary lifestyle): फिजिलकल इनएक्टिविटी और मोटापा हार्मोनल चेंजेज से जुड़ा हैं जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाता हैं.


-तनाव (Stress): लंबे समय तक तनाव भी हार्मोन को प्रभावित कर सकता है और कैंसर के विकास में योगदान दे सकता है.


-देर से बच्चे का जन्म और कम गर्भधारण (Delayed Childbearing And Fewer Pregnancies): ये फैक्टर्स एस्ट्रोजन के एक्सपोजर को और बढ़ा देते हैं और पोटेंशियल रिस्क को बढ़ा देते हैं.


-कम स्तनपान (Limited Breastfeeding): ब्रेस्टफीडिंग स्तन कैंसर के खिलाफ प्रोटेक्टिव बेनेफिट देता है, इसलिए अगर कोई महिला कम कम स्तनपान कराती है तो जोखिम बढ़ सकता है.

 



3. एनवायरमेंटल फैक्टर्स  (Environmental Factors)



-डाइट (Diet): अनहेल्दी डाइट, ज्यादा प्रोसेस्ड फूड का सेवन, फल और सब्जियां कम खाना ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.


-वॉटर क्वालिटी (Water Quality): पानी में टॉक्सिंस और पॉल्यूटेंट के संपर्क में आने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.


-एयर पॉल्यूशन (Air Pollution): कई स्टडीज इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि वायु प्रदूषण और स्तन कैंसर के बीच पोटेंशियल लिंक है, स्मॉग भी इस रिस्क को बढ़ा सकता है.



3. हेरेडिटरी फैक्टर्स (Hereditary Factors)


-BRCA और रिलेटेड जीन म्यूटेशन (BRCA And Related Gene Mutations): BRCA और रिलेटेड जीन म्यूटेशन ब्रेस्ट कैंसर का मेन फैक्टर्स है और स्टडीज बताती हैं कि भारत में अन्य देशों की तुलना में उनका प्रसार अधिक हो सकता है.


• ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (Triple-Negative Breast Cancer): ये अग्रेसिव फॉर्म ऑफ ब्रेस्ट कैंसर है जो अक्सर युवा महिलाओं को प्रभावित करता है और BRCA म्यूटेशन से जुड़ा हो सकता है.



अभी जारी है रिसर्च
ये सभी फैक्टर्स ब्रेस्ट कैंसर के खतरे के बारे में जानकारी देते है, लेकिन इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि कुछ कारणों का आज भी पता नहीं चल पाया है, लगातार हो रहे रिसर्च से कई दूसरे फैक्टर्स को एक्सप्लोर किया जा रहा है, जिससे ये समझा जा सके कि भारत में यंग वूमेन में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा क्यों बढ़ रहा है.