Heart attack in women: महिलाओं में हार्ट फेल के अक्सर कारण अधिक ब्लड प्रेशर, कोरोनरी धमनी रोग, वाल्व रोग और डायबिटीज मेलिटस से जुड़े होते हैं. पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी महिलाओं में दिल की विफलता का एक विशिष्ट कारण है, हालांकि यह असामान्य है. हालांकि, मेनोपॉज तक पहुंचने के बाद हार्ट अटैक के कुछ लक्षणों को मेनोपॉज के प्रभावों को देखते हुए नजरअंदाज किया जा सकता है.


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शरीर में एस्ट्रोजन की उपस्थिति के कारण महिलाओं को हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों से नेचुरल सुरक्षा मिलती है. एस्ट्रोजेन एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाकर काम करता है (जिसे अच्छे कोलेस्ट्रॉल के रूप में भी जाना जाता है) और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है (जिसे खराब कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है). एस्ट्रोजन खून में थक्का बनने से भी रोकता है और यह ब्लड फ्लो को बढ़ाने के लिए ब्लड वेसेल्स को रिलैक्स करता है.


मेनोपॉज से हार्ट अटैक
मेनोपॉज के बाद शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर काफी कम हो जाते हैं. मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक पड़ने और मौत की संभावना ज्यादा हो जाती है. यह शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर में अचानक बदलाव के कारण हो सकता है. बता दें कि महिलाओं में मेनोपॉज 40 साल की उम्र के बाद कभी भी हो सकता है लेकिन अधिकतर यह तब होता है जब महिलाएं 50 की उम्र में होती हैं. 



महिलाओं में हार्ट फेल के लक्षण
जब एक महिला को दिल का दौरा पड़ता है तो गर्दन और ऊपरी पीठ में दर्द, अपच, चक्कर आना, मतली और थकान जैसे लक्षण होते हैं. इन लक्षणों को महिलाएं अक्सर नजरअंदाज कर देती हैं, जिससे हार्ट डिसऑर्डर विकार के शुरुआती लक्षणों को पहचानने में देरी होती है. हार्ट अटैक और मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को जो लक्षण अनुभव होते हैं, वे समान हो सकते हैं. यह देखा गया है कि दोनों मामलों में महिलाएं दिल में घबराहट, रात को पसीना, छाती में बेचैनी, थकान, घबराहट और सीने में दर्द महसूस कर सकती हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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