Kiran Bedi Fitness Advice:  ढलती उम्र में हर एक शख्स का सामना अस्पतालों से होता है. आमतौर पर लोग कहते भी हैं कि अब तो जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं. जीवन के उस पड़ाव पर स्वास्थ्य भी जवाब देने लगता है लेकिन अगर आप देश पहली महिला पुलिस अधिकारी डॉ किरन बेदी के बताए सुझावों पर अमल करें तो 74 साल की उम्न में 16 साल के किशोर की तरह तरोताजा महसूस करेंगे. हालांकि उनके बताए सुझावों पर अमल करना होगा. वो बताती है कि उन्होंने कभी भी चटपटी चीजें जैसे समोसा, पूड़ी, कचौड़ी और पकोड़े को नहीं चखा. उम्र के तीस और चालीर वसंत देख चुके लोगों को तो खास सलाह दी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

समोसे, पानी पूरी से करें तौबा


किरन बेदी ने कहा कि स्वस्थ बने रहने के लिए हर एक को योग और मेडिटेशन को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बनाना चाहिए. इसके साथ ही फालतू की चीजों को खाने से बचना चाहिए जिसके लिए आपको आगे चलकर पछताना पड़े. उन्होंने अब तक की जिंदगी तले भूने पकवानों से परहेज किया है. अगर कोई उनसे पानी पूरी के लिए दबाव बनाए तो वो कांजी ड्रिंक लेना अधिक पसंद करेंगी. उन्होंने कहा कि जीभ को भाने वाली चीजें ज्यादा नुकसान करती हैं लिहाजा हमें खान पान के प्रति अनुशासित होना पड़ेगा.


योग और मेडिटेशन पर खास ध्यान


अपने रूटीन को साझा करते हुए बताया कि वो अपनी जॉगिंग को लेकर हमेशा फिक्रमंद रहती हैं. टहलना उन्हें खासतौर से पसंद है. फिटनेस उनका रूटीन है. अगर वो कभी जॉगिंग नहीं कर पाती हैं तो एक समय के खाने से परहेज करती हैं. उन्हें भूख महसूस नहीं होती. अगर खाने का आनंद लेना है तो टहलना पड़ेगा. यही वजह है कि वो खुद को धोखा नहीं देतीं. आप यह मान सकते हैं कि भूख और टहलने का सीधा रिश्ता है. शाम के समय टहलना और सुबह में योग और ध्यान सबसे बेहतरीन एक्सरसाइज है. ध्यान के जरिए व्यक्ति को आस-पास क्या हो रहा है उसके प्रति अधिक जानकारी मिलती है. आपके साथ जो हो रहा है उसके प्रति आप अत्यधिक संवेदनशील हो जाते हैं। यह आपको सचेत रूप से बेहतरी की दिशा में प्रयास करने और वर्तमान के बारे में सोचने में मदद करता है, भले ही आपका मन अतीत और भविष्य में भटकता हो। मेरा मन भी अतीत और भविष्य में चला जाता है। लेकिन मुझे इसे वापस लाने की जागरूकता है. यदि आप जागरूक हैं तो इसका मतलब है कि आपके पास शक्ति के ऊपर मन है, वो उसे वापस लाने की कोशिश करती हैं.