Elections 2019: गांधी परिवार का `अमेठी किला` ढहाने की ओर बढ़ रहीं स्मृति ईरानी!
लोकसभा चुनाव 2019 (lok sabha elections 2019) में यूपी की अमेठी सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मैदान में हैं तो उनको टक्कर देने के लिए दूसरी बार बीजेपी ने चुनाव मैदान में स्मृति ईरानी को उतारा है. रुझानों में वह आगे चल रही हैं.
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2019 (lok sabha elections 2019) का मतदान सात चरण में पूरा होने के बाद आज (23 मई) लोकसभा चुनाव परिणाम 2019 (lok sabha elections results 2019) आ रहे हैं. यूपी की अमेठी सीट इस बार भी चर्चा में है. यहां से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मैदान में हैं तो उनको टक्कर देने के लिए दूसरी बार बीजेपी ने चुनाव मैदान में स्मृति ईरानी को उतारा है.
गुरुवार को लोकसभा चुनाव नतीजे 2019 (lok sabha elections results 2019) के शुरुआती रुझानों में स्मृति ईरानी (smriti irani) राहुल गांधी (Rahul gandhi) से लगातार आगे बनी हुई हैं. हालांकि राहुल गांधी बीच में कुछ देर के लिए आगे हुए, लेकिन फिर स्मृति ने उन्हें पछाड़ दिया है. ईरानी करीब 47 हजार वोटों से आगे चल रही हैं.
अगर अमेठी (Amethi) से इस बार बीजेपी की टिकट पर स्मृति ईरानी जीतती हैं तो बीजेपी के लिए यह ऐतिहासिक घड़ी होगी. चूंकि अमेठी कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. आजादी के बाद देश में हुए चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. हालांकि 1998 में बीजेपी यहां से सिर्फ एक बार जीती है. उस समय संजय सिंह ने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था. यह अब तक सिर्फ एक ही बार हुआ है कि कांग्रेस के अलावा कोई पार्टी अमेठी में चुनाव जीती थी.
अमेठी लोकसभा सीट (Amethi lok sabha seat) से 1980 में संजय गांधी सांसद रहे. इसके बाद 1981 से लेकर 1996 तक इस सीट से राजीव गांधी लगातार सांसद रहे. 1999 से 2004 तक सोनिया गांधी यहां से सांसद रहीं.
मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मार्च 2004 में ही राजनीति में आने की घोषणा की थी. इसके लिए उन्होंने अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. इसके चलते उनकी मां और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. 2004 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने अपने पहले ही चुनाव में करीब 1 लाख वोट से जीत हासिल की थी. इसके बाद से वह यहां से लगातार तीन बार सांसद रहे हैं.
वहीं अगर स्मृति ईरानी की बात करेंगे तो 2003 में स्मृति ने अभिनय छोड़ राजनीति में एंट्री की थी. 2004 में वह बीजेपी महाराष्ट्र की युवा शाखा की उपाध्यक्ष बनीं. 2004 में स्मृति ईरानी ने दिल्ली के चांदनी चौक से कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ा. हालांकि वह यह चुनाव हार गईं. फिर उन्हें बीजेपी की केंद्रीय समिति का एग्जीक्यूटिव मेंबर बनाया गया और 2010 में वह पार्टी की राष्ट्रीय सचिव और महिला विंग की अध्यक्ष बनाई गईं.
2011 में स्मृति को राज्यसभा का सदस्य बनाया गया. 2014 में उन्होंने अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था. इस दौरान उन्होंने राहुल को कड़ी टक्कर दी लेकिन वह एक लाख वोटों से हार गईं. राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव हारने के बावजूद 2014 में उन्हें केंद्र में मानव संसाधन विकास मंत्रालय दिया गया. बाद में उन्हें केंद्रीय कपड़ा मंत्री बनाया गया.