अनंतनाग संसदीय क्षेत्र: पीडीपी की महबूबा मुफ्ती से है नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मुसैदी से सीधा मुकाबला
अनंतनाग सीट से पीडीपी की महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मुसैदी के बीच सीधा मुकाबला है. लोकसभा चुनाव 2019 में अनंतनाग सीट से अपनी किस्मत आजमाने वालों में बीजेपी के सोफी यूसुफ और कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर भी शामिल हैं.
नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर की अनंतनाग सीट से पीडीपी की महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मुसैदी के बीच सीधा मुकाबला है. लोकसभा चुनाव 2019 में अनंतनाग सीट से अपनी किस्मत आजमाने वालों में बीजेपी के सोफी यूसुफ और कांग्रेस के गुलाम अहमद मीर भी शामिल हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में अनंतनाग संसदीय सीट से महबूबा मुफ्ती ने जीत हासिल की थी. महबूबा मुफ्ती के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह सीट खाली गई हो गई थी. जिसके बाद न ही इस सीट पर उपचुनाव कराए जा सके और न ही कोई नया सांसद चुना गया. लोकसभा चुनाव 2019 में देखना है कि महबूबा मुफ्ती फिर चुनाव जीतने में कामयाब होती हैं या बाजी किसी अन्य प्रत्याशी के हाथ लगती है.
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अब अनंतनाग को माना जाता है पीडीपी का मजबूत गढ़
जम्मू और कश्मीर की अनंतनाग संसदीय सीट को अब पीडीपी का मजबूत गढ़ माना जाता है. अनंतनाग संसदीय क्षेत्र से महबूबा मुफ्ती के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद भी सांसद रह चुके हैं. 2004 और 2014 के लोकसभा चुनाव में महबूबा मुफ्ती इसी संसदीय सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंची. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव के ठीक बाद हुए विधानसभा चुनाव में अनंतनाग की 16 एसेंबली सीट्स में से 11 सीट पर पीडीपी ने जीत दर्ज की थी. उल्लेखनीय है कि अनंतनाग संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं में अनंतनाग, शानगुस, होमशालीबुग, राजपोरा, त्राल, शोपियां, देवसर, पंपोर, नूराबाद, डोरु, पहलगाम, वाची, पुलवामा, कुलगाम, कोकरनाग और बिजबेहारा शामिल हैं.
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2014 में पीपीडी के पक्ष में दिया था जनता ने जनादेश
लोकसभा चुनाव 2014 में अनंतनाग से कुल 12 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे. यहां के 13, 01,143में से सिर्फ 3,75,279 मतदाताओं ने मतदान किया था. इस चुनाव में पीडीपी की महबूबा मुफ्ती ने 200429 वोट पाकर जीत दर्ज की थी. वहीं नेशनल कांग्रेस के मिर्जा महबूब बेग 1,35,012 वोट पाकर दूसरे पायदान पर रहे थे. वहीं यहां भाजपा के प्रत्याशी मुश्ताक अहमद मलिक को महज 4720 वोट मिल सके थे. इस चुनाव में 5936 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाकर सभी 12 उम्मीदवारों की दावेदारी को खारिज कर दिया था. इस चुनाव में छह उम्मीदवार ऐसे भी थे, जिनको एक प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे.
लोकसभा चुनाव (वर्ष) | विजयी उम्मीदवार | राजनैतिक दल |
1967 | शुमार मोहम्मद शफी | कांग्रेस |
1871 | शुमार मोहम्मद शफी | कांग्रेस |
1977 | शुमार मोहम्मद शफी | कांग्रेस |
1980 | गुलाम रसूल कोचर | नेशनल कांफ्रेंस |
1984 | बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला | नेशनल कांफ्रेंस |
1989 | पीएल हंडू | नेशनल कांफ्रेंस |
1996 | मोहम्मद मकबूल | जनता दल |
1998 | मुफ्ती मोहम्मद सईद | कांग्रेस |
1999 | अली मोहम्मद नाइक | नेशनल कांफ्रेंस |
2004 | महबूबा मुफ्ती | पीडीपी |
2009 | मिर्जा महबूब बेग | नेशनल कांफ्रेंस |
2014 | महबूबा मुफ्ती | पीडीपी |