नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर की छह संसदीय सीटों में एक
लद्दाख क्षेत्रफल के लिहाज से देश की सबसे बड़ी संसदीय सीट है. बीते लोकसभा चुनाव 2014 में यहां से थुपस्तान छेवांग ने जीत हासिल कर पहली बार लद्दाख में बीजेपी का कमल खिलाया था. हालांकि यह बात दीगर है कि उन्होंने नवंबर 2018 में उन्होंने न केवल सांसद के पद से, बल्कि बीजेपी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था. इस बार
बीजेपी ने लद्दाख से जमयांग सेरिंग नामग्याल पर अपना भरोसा जताया है. वहीं बीजेपी के जमयांग सेरिंग नामग्याल के विरोध में
कांग्रेस के रिगजिन स्पालबर चुनावी मैदान में है. अब
लोकसभा चुनाव 2019 में मतदाता किसे जिताकर दिल्ली भेजते हैं, इसका फैसला 23 मई को ही हो सकेगा.
1996 के बाद कांग्रेस की लद्दाख से पकड़ हुई ढीली
आजादी के बाद से करीब 40 सालों तक कांग्रेस की पकड़ लद्दाख पर मजबूत रही. 1967 में हुए लद्दाख के पहले चुनाव में कांग्रेस के केजी बकुला ने जीत हासिल की थी. 1971 में भी केजी बकुला कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतरे और जीतकर संसद पहुंचे. 1977 के चुनाव में पार्वती देवी ने कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की. इसके बाद, कांग्रेस के पी नामग्याल तीन बार लद्दाख से सांसद रहे. 1998 में नेशनल कांफ्रेंस ने पहली बार लद्दाख ने अपना खाता खोला और इस पार्टी से सैयद हुसैन सांसद बने. कांग्रेस का इस सीट पर 2004 के चुनावों तक कब्जा रहा. 2004 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी थुपस्तान छेवांग ने जीत दर्ज की थी. लद्दाख सीट से छह बार कांग्रेस, दो बार नेशनल कांफ्रेंस, दो बार निर्दलीय और एक बार बीजेपी का सांसद चुना गया है.
- 2014 में पहली बार लद्दाख में खिला बीजेपी का कमल
- 1996 के बाद कांग्रेस की लद्दाख से पकड़ हुई ढीली
- लद्दाख संसदीय क्षेत्र से छह बार रहा कांग्रेस का सांसद
2014 में पहली बार लद्दाख में खिला बीजेपी का कमल
2014 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय सांसद रह चुके थुपस्तान छेवांग बीजेपी की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे. थुपस्तान छेवांग का मुकाबला कुल चार उम्मीदवारों से था. जिसमें कांग्रेस से टी.सेंफेल और दो निर्दलीय उम्मीदवार शामिल है. इस चुनाव में थुपस्तान छेवांग ने 31111 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार को 26402 वोट मिले थे. 2014 के इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी गुलाम राजा ने 31075 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में हार और जीत का अंतर महज 36 वोटों का था. 2014 के इस चुनाव में 1207 मतदाताओं ने नोटा का भी इस्तेमाल किया था.
लद्दाख संसदीय क्षेत्र से कब-कब कौन रहा सांसद
लोकसभा चुनाव (वर्ष) |
विजयी उम्मीदवार |
राजनैतिक दल |
1967 |
केजी बकुला |
कांग्रेस |
1971 |
केजी बकुला |
कांग्रेस |
1977 |
पार्वती देवी |
कांग्रेस |
1980 |
पी नामग्याल |
कांग्रेस |
1984 |
पी नामग्याल |
कांग्रेस |
1989 |
मोहम्मद हसन |
निर्दलीय |
1996 |
पी. नामग्याल |
कांग्रेस |
1998 |
सैयद हुसैन |
नेशनल कांफ्रेंस |
1999 |
हसन खान |
नेशनल कांफ्रेंस |
2004 |
थुपस्तान छेवांग |
निर्दलीय |
2009 |
हसन खान |
निर्दलीय |
2014 |
थुपस्तान छेवांग |
बीजेपी |