श्रीगंगानगर: लोकसभा चुनाव के दौरान वोट पाने की कवायद में राजनीतिक दलों के नेताओं का मठों और मंदिरों के चक्कर लगाना शुरू हो चुका है. श्रीगंगानगर लोकसभा सुरक्षित सीट पर होने जा रहे चुनाव में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के वोट को अपनी तरफ करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने डेरे की संगत में हाजरी लगाई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नामचर्चा के दौरान नेताओं का रहा जूटान
डेरा सच्चा सौदा के 71 वें स्थापना दिवस पर श्रीगंगानगर के रविदास नगर में बने नामचर्चा घर में उमड़ी हजारों की तादाद में साधकों की भीड़ के बाद अब बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की नजर सच्चा सौदा समर्थको के वोटरों पर है. डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद डेरे का प्रभाव कम होने की बात कही जा रही थी. लेकिन अब भी इसकी ताकत को राजनीतिक पार्टियां कम करके नहीं आंकती है.



डेरे का फरमान अब भी है प्रभावी
स्थापना दिवस के दौरान बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ी रही. इस भारी भीड़ का समर्थन हासिल करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने डेरे में अपनी हाजिरी लगाना शुरू कर दिया है. यहां बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और लोकसभा चुनाव के सह संचालक हरभगवान सिंह बराड़ के साथ अनेक बीजेपी पार्षद नामचर्चा के दौरान समागम में पहुंचे. वहीं, कांग्रेस की ओर से नगर परिषद के पूर्व सभापति जगदीश जांदू व बीकानेर देहात कांग्रेस के जिलाध्यक्ष महेंद्र गहलोत ने भी डेरे में हाजिरी लगाई. 


लोकसभा चुनाव में भी होगी निर्णायक भूमिका
बताया जा रहा है कि राजनीतिक विंग लोकसभा चुनाव के दौरान डेरे की भूमिका को निर्णायक मानता है. हरियाणा व पंजाब की के अलावा राजस्थान के दस जिलों में उनका काफी प्रभाव है. डेरे के समर्थक चुनावी परिस्थियों को बदलने की क्षमता रखते हैं. 


राष्ट्रीय विंग लेगा निर्णय
सूत्रों के अनुसार, राजनीतिक विंग पहले हर लोकसभा क्षेत्र के साथ संगत की राय लेगा. जिसके बाद फिर डेरे की राष्ट्रीय विंग के पास यह संदेश भेजा जाएगा. जिसके बाद मतदान के लिए डेरे के समर्थन का निर्णय होगा.


डेरा समर्थक बदल सकते है चुनाव की तस्वीर
आठ विधानसभा क्षेत्रों में फैले श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र के लगभग साढ़े 19 लाख वोटरों में से करीब डेढ़ लाख के आसपास वोटर डेरा के समर्थक हैं. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस भारी वोट बैंक को अपनी ओर करने में जुटी है.