नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections) में दिल्ली की सातों सीटों के लिए कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. तीनों ही प्रमुख पार्टियों में से किसी ने भी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में नहीं उतारा है. जबकि दिल्ली में मुस्लिम समाज की अच्छी खासी आबादी है. यमुना पार और पुरानी दिल्ली के इलाकों में ये वोटर डिसाइडिंग भूमिका में रहते हैं. इसी समीकरण को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी ने दिल्ली की चांदनी चौक सीट से मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा है.  


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बता दें कि दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट के अंतर्गत 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिनमें से 5 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिनमें मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी जनसंख्या है, जिनमें बल्लीमारन, मटिया महल, चांदनी चौक, सदर बाजार प्रमुख हैं. वहीं जेजे कॉलोनी और पुराने मोहल्ले होने की वजह से यहां दलितों की संख्या भी ठीकठाक हैं. शकूर पुर, वजीरपुर, आदर्श नगर, मॉडल टाउन विधानसभा में दलित मतदाताओं की अच्छी संख्या है.



यही कारण है कि बीएसपी ने यहां से शाहिद अली को अपना उम्मीदवार बनाया है, शाहिद पेशे से वकील हैं और वक़्फ़ की जमीन जैसे मुद्दों को लेकर कोर्ट में केस लड़ते रहे हैं.



शाहिद अली का कहना है कि वह और उनकी पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगी और 10 मई को बीएसपी सुप्रीमो मायावती दिल्ली में उनके लिए रैली करने आएंगी. शाहिद का दावा है कि मुस्लिम औऱ दलित समीकरण से वो जीत हासिल करेंगे.


चांदनी चौक से साल 1998 और 1999 में बीजेपी के विजय गोयल जीते तो केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनीं. साल 2004 और 2009 में कांग्रेस के कपिल सिब्बल जीते तो केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार बनी. 


इस सीट से 3 बार सांसद रह चुके जेपी अग्रवाल है कांग्रेस प्रत्याशी
कांग्रेस पार्टी के जय प्रकाश अग्रवाल चांदनी चौक से सबसे ज्यादा बार लोकसभा पहुंचे है. उन्होंने साल 1984,1989 और साल 1996 में जीत दर्ज की. बीजेपी के विजय गोयल और कांग्रेस के कपिल सिब्बल भी यहां से दो बार चुनाव जीत चुके हैं. इस बार कांग्रेस पार्टी ने जेपी अग्रवाल को ही प्रत्याशी बनाया है. वह इससे पहले नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से सांसद रहे थे. 


चांदनी चौक और सदर बाजार सीट का नाता
साल 2009 में चांदनी चौक लोकसभा सीट का परिसीमन हुआ था जिसके तहत दिल्ली सदर लोकसभा सीट को समाप्त कर उसके कई इलाकों का चांदनी चौक लोकसभा सीट में विलय किया गया. इसलिए चांदनी चौक लोकसभा सीट का महत्व दिल्ली सदर सीट के वोटरों और उसके नेताओं से भी प्रभावित रहता है. यहां बता दें कि दिल्ली सदर सीट पर भी चांदनी चौक सीट की तरह कांग्रेस और बीजेपी में कड़ा मुकाबला रहा है. 1998 में चांदनी चौक लोकसभा सीट जीतने से पहले विजय गोयल 1996 में दिल्ली सदर से सांसद रहे हैं. दिल्ली सदर सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता जगदीश टाइटलर चार बार सासंद रहे हैं और दिल्ली के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता मदन लाल खुराना भी 2 बार संसद पहुंचे है.