भोपाल: पद देने से लेकर टिकट वितरण तक में कांग्रेस की अंतरकलह किसी से छुपी नहीं है. लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस ने अपनी दूसरी सूची मध्य प्रदेश से क्या जारी की कांग्रेस के अंदर पार्टी के फैसले और अपनों पर निशाना साधने का काम शुरू हो गया. मध्य प्रदेश से जुड़े 12 उम्मीदवरों के नामों का ऐलान करने के पहले कांग्रेस के दिल्ली दरबार ने घंटों का मंथन किया. मंथन में एमपी कांग्रेस के सभी बड़े कद्दावर नेता कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मौजूद थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यूं तो बैठकों में चर्चा समूचे मध्य प्रदेश की सीटों को लेकर थी लेकिन विंध्य का चेहरा माने जाने वाले अजय सिंह के नाम पर खूब मंथन हुआ. उन्हें चुनाव लड़ाने पर तो किसी तरह की शक की गुंजाइश नहीं थी. वो चुनाव कहां से लड़ेंगे, इसे लेकर कांग्रेस के अंदर अलग-अलग तरीके से चर्चा का दौर जारी था. खासतौर से सतना और सीधी से चुनाव लड़ने को लेकर. कांग्रेस ने अपनी 12 नामों की दूसरी सूची जारी की तो सीधी लोकसभा से अजय सिंह का नाम भी था. यही कारण है कि अपने नाम का ऐलान होते ही उन्होंने महाकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता से जुड़ी लाइनें शेयरकर अपनी पार्टी के नेताओं पर सवाल खड़े किए. 


क्या कहा अजय सिंह ने
रामधारी सिंह दिनकर की चर्चित कविता की पक्तियों को सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर कांग्रेस नेता अजय सिंह ने पंक्तियों को लिखा, 'समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध, जो तटस्थ है, समय लिखेगा उनका भी अपराध. इन पंक्तियों को सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची के साथ शेयर किया है. उनकी मानें तो मैं क्या कहना चाहता हूं, ये पार्टी के सभी बड़े नेता समझते हैं और जिन्हें समझाना चाहता हूं वो समझ गए हैं.


प्रतिष्ठा का चुनाव 
कांग्रेस के बड़े नेता अर्जुन सिंह की राजनैतिक विरासत को संभाल रहे अजय सिंह के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का चुनाव है. प्रदेश में जितनी चर्चा कांग्रेस की सरकार बनने की नहीं हुई उतनी अजय सिंह की अपनी परंपरागात सीट चुरहट से विधानसभा चुनाव हारने की थी. इस लिहाज से ये माना जा रहा है कि सिंह के लिए ना सिर्फ ये चुनाव प्रतिष्ठा का है बल्कि वजूद का भी है. यही कारण है कि वो पिछले दो माह से सीधी में डेरा डाले हुए हैं.



बयानों से सुर्खियों में 
अजय सिंह ने पिछले कुछ अर्से में अपनी छवि के विपरित बयानों की बौछार कर दी. कुछ दिनों पहले तक उन्होंने पार्टी संगठन के सामने अपने को फुटबॉल करार दिया था और कहा कि पार्टी के लिए तो मैं फुटबॉल के समान हूं, वो जहां से चाहे लड़ा दे. फिलहाल उन्होंने अपने मतदाताओं के सामने कहा कि आप मैं तो पार्टी में चाहे जो पद पा जाऊंगा लेकिन आप लोगों का क्या होगा. ये वो बयान थे जिन्हें लेकर सिंह की कभी बेबसी झलकती तो कभी संगठन से नाराजगी.