आगामी चुनाव में केजरीवाल की झूठ की राजनीति का अंत हो जाएगा: दिल्ली कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने पूर्व की शीला दीक्षित सरकार की ओर से शुरू की गई कई कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया जिससे दिल्ली के आम लोगों को बहुत नुकसान हुआ है.
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी की ओर से कांग्रेस पर भाजपा के साथ ‘मिलीभगत’ का आरोप लगाए जाने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस दिल्ली इकाई ने बृहस्पतिवार को अरविंद केजरीवाल पर ‘बौखलाहट’ का आरोप लगाया और दावा किया कि आगामी चुनाव में उनकी ‘झूठ की राजनीति’ का अंत हो जाएगा. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ ने यह भी सवाल किया कि अगर कांग्रेस, भाजपा के साथ मिली हुई तो फिर केजरीवाल, कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए इतने परेशान क्यों थे?
यूसुफ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर भाजपा के साथ हमारी मिलीभगत है तो केजरीवाल हमारे साथ आने के लिए क्यों परेशान थे? दरअसल, केजरीवाल की बौखलाहट का मुख्य कारण है कि चार साल पहले जो वादा पूरा करके सत्ता में आए थे, उनको पूरा करने में विफल रहे. आप देखेंगे कि आने वाले चुनाव में केजरीवाल की झूठ की राजनीति का अंत हो जाएगा.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘केजरीवाल अपने हर वादे से पलटी मार चुके हैं. जिस जनलोकपाल के नाम पर सत्ता में आए थे, उसी को भूल गए. वह रोजाना गोलपोस्ट बदलते हैं. इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वादे को पूरा नहीं कर पाए तो लोगों का ध्यान बांटने की कोशिश कर रहे हैं. जनता अब दोनों की हकीकत जान चुकी है.’’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने पूर्व की शीला दीक्षित सरकार की ओर से शुरू की गई कई कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया जिससे दिल्ली के आम लोगों को बहुत नुकसान हुआ है. आप के साथ गठबंधन नहीं करने के फैसले पर यूसुफ ने कहा, ‘‘ हमारी पार्टी में सबकी राय ली जाती है और बहुमत से फैसला होता है. आखिर में जो फैसला हुआ वो सर्वसम्मति से हुआ. ज्यादातर लोगों की यह राय थी कि अगर केजरीवाल को इस समय ऑक्सीजन दिया जाता है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में दिल्ली में कांग्रेस को बहुत भारी नुकसान हो सकता है.’’
दिल्ली में डीपीसीसी आप के साथ गठबंधन के खिलाफ, दूसरे कई राज्यों में गठबंधन तय: राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) आगामी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन के खिलाफ है, हालांकि महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु सहित कई अन्य राज्यों में गठबंधन तय हैं. गांधी ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘‘महाराष्ट्र, तमिलनाडु और झारखंड में हमारा गठबंधन तय हैं. दिल्ली में हमारी पार्टी गठबंधन के खिलाफ है और इसको लेकर सर्वसम्मति है. बाकी जगहों पर कुल मिलाकर गठबंधन की बात पटरी पर है.’’
कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान से कुछ दिन पहले ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी बैठक में यह फैसला हुआ कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया जाएगा. पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस दिल्ली प्रभारी पीसी चाको और डीपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन गठबंधन के पक्ष में थे, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित एवं कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इसका विरोध किया. अधिकतर नेताओं की राय के मद्देनजर राहुल गांधी ने आप के साथ गठबंधन नहीं करने पर सहमति जताई. महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन लगभग तय है तो तमिलनाडु में द्रमुक और झारखंड में झामुमो के साथ उसका गठबंधन पक्का हो चुका है.