EVM की चौकीदारी कार्यकर्ताओं को दे रही एंटरटेनमेंट का चांस, ड्यूटी के साथ होती है चाय पर चर्चा
खंडवा में यही ईवीएम मशीन की चौकीदारी राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी प्रेम भाव, भाईचारा और एंटरटेनमेंट का अवसर उपलब्ध करा रही है. यहां मशीन की चौकीदारी कर रहे इन कार्यकर्ताओं के बीच साथ मे खाना-पीना और चाय पर चर्चा भी होती है.
नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) मतदान अब खत्म हो चुके हैं और सभी राजनीतिक दलों के साथ ही पूरा देश 23 मई के इंतजार में बैठा है. ऐसे में बार-बार ईवीएम की सुरक्षा पर उठ रहे सवालों और ईवीएम मशीन के बदले जाने की आशंका के चलते सभी राजनीतिक दल चुनावों के बाद ईवीएम की चौकीदारी में लग गए हैं. खंडवा में भी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम के सामने दिन-रात चौकीदारी कर रहे हैं. पूरे देश में राजनीतिक दलों के लिए भले ही ईवीएम मशीन बड़ा मुद्दा हो, लेकिन खंडवा में यही ईवीएम मशीन की चौकीदारी राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी प्रेम भाव, भाईचारा और एंटरटेनमेंट का अवसर उपलब्ध करा रही है.
यहां मशीन की चौकीदारी कर रहे इन कार्यकर्ताओं के बीच साथ मे खाना-पीना और चाय पर चर्चा भी होती है. खंडवा में कांग्रेस की ओर से कार्यकर्ता स्ट्रॉन्ग रूम पर नजर रख रहे हैं, तो भारतीय जनता पार्टी की ओर से जिला अध्यक्ष खुद रात में स्ट्रॉन्ग रूम के सामने चौकीदारी कर रहे हैं. ऐसे में इन कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने भी स्वीकार किया कि हमारी विचारधारा में मतभेद है, लेकिन सामाजिकता में कोई मनभेद नहीं है. वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं की चुटकी लेते हुए भाजपा कार्यकर्ता कह रहे हैं कि अब कांग्रेस के लोग भी चौकीदार बनने लगे हैं, यही है मोदी का जादू.
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बता दें चुनावों से पहले और चुनावों के बाद भी अक्सर ही ईवीएम पर सवाल उठते रहे हैं. जिसके चलते अब जवानों के साथ ही सभी राजनीतिक दल अपने-अपने कार्यकर्ताओं को भी ईवीएम की चौकीदारी में लगा रही हैं, ताकि सभी दल एक-दूसरे पर नजर रख सकें. इन राजनीतिक दलों का मानना है कि अगर सभी सतर्कता बरतेंगे तो गड़बड़ी की आशंका बेहद कम हो जाती है.
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क्योंकि जिस तरह से ईवीएम की विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं, इसे देखकर लगता है कि कभी भी कुछ भी हो सकता है. बता दें सुरक्षाकर्मी और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के अलावा सीसीटीवी के जरिए भी स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी आयोग द्वारा की जा रही है, ताकि रिजल्ट के बाद ईवीएम पर किसी भी तरह के सवाल न उठाए जाएं.