चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव में पंजाब लोकतांत्रिक गठबंधन (पीडीए) की, खडूर साहिब सीट से उम्मीदवार परमजीत कौर खालड़ा ने कहा कि वह अपने पति की विरासत को आगे बढ़ाने और मानवाधिकारों के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही हैं.खालड़ा के पति एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालड़ा को 1995 में तरनतारन जिले के खालड़ा गांव में उनके घर से पुलिसकर्मियों ने अगवा कर लिया था. उनकी हत्या के दोषी छह पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.


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परमजीत कौर खालड़ा पंजाबी एकता पार्टी की सदस्य है. पंजाबी एकता पार्टी पीडीए का हिस्सा है. यह गठबंधन लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को भाजपा एवं कांग्रेस का विकल्प मुहैया कराने की कोशिश कर रहा है. पीडीए खालड़ा को ‘पंथिक’ चेहरे के रूप में पेश कर रहा है. 



खालड़ा ने कहा, ‘‘चुनाव लड़ना ईश्वर की ओर से मिला संकेत है. चुनाव लड़ना पहले से तय नहीं था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं मानवाधिकार का मुद्दा उठाऊंगी और मानवाधिकारों के लिए चुनाव लड़ूंगी. पंजाब में नशे के कारण युवाओं की मौत हो रही है. क्या यह मानवाधिकार का मामला नहीं है?’’ 


खालड़ा ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘राज्य में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाएं हुई हैं. (2015 में फरीदकोट में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी का विरोध करने वालों पर) पुलिस गोलीबारी के दौरान दो युवाओं की मौत हो गई, लेकिन इसके बाद की सरकारें लोगों को मूर्ख बना रही हैं और उन्होंने इन मसलों को सुलझाने की कोशिश नहीं की.’’ 


उन्होंने कहा कि सिख समुदाय हर मुश्किल सहन कर सकता है. वह अपने बच्चों की मौत का दुख भी सह सकता है लेकिन धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को स्वीकार नहीं कर सकता. खालड़ा (64) ने कहा, ‘‘यह मामला लोगों के दिलों में अब भी जिंदा है.’’ उन्होंने दावा किया कि उन्हें लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. ‘‘लोग कांग्रेस और अकाली दल से परेशान हो चुके हैं और वे तीसरे मोर्चे को समर्थन देंगे.’’ 


शिरोमणि अकाली दल (टकसाली) ने अपने उम्मीदवार पूर्व सेना प्रमुख जनरल जे जे सिंह का नाम वापस ले लिया था ताकि खालड़ा को उम्मीदवार बनाया जा सके. खालड़ा के सामने अकाली उम्मीदवार एवं पूर्व विधायक बीबी जागीर कौर और कांग्रेस के जसबीर सिंह डिम्पा की चुनौती है. ‘आप’ ने इस सीट से मनजिंदर सिंह सिद्धू को उम्मीदवार बनाया है.