बेगूसराय : लोकसभा चुनाव की घोषणा में अब चंद दिन ही शेष रह गए हैं. सभी पार्टियां अपना पूरा दमखम लगा रही है. बिहार में राजनीतिक पारा उफान पर है. हर सीट पर कशमकश जारी है. यूं तो बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत एनडीए में सीट शेयरिंग की संख्या का फैसला हो चुका है, लेकिन कौन सी पार्टी किस सीट पर चुनाव लड़ेगी इसकी घोषणा बाकी है. इसलिए दलों के अंदर भी एक ही सीट पर दावेदारी का दौर जारी है. इसी में से एक है बेगूसराय लोकसभा सीट.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बेगूसराय लोकसभा सीट से भोला सिंह सांसद थे, जिनका हाल ही में निधन हो गया. उनके निधन के बाद बीजेपी में दावोदारों की होर सी लगी है. हालांकि अभी तक इस बात की घोषणा भी नहीं हुई है कि इस सीट से कौन सी पार्टी चुनाव लड़ेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बातचीत का दौर जारी है.


बेगूसराय से जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार का चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसे में बेशक यह सीट सुर्खियों में रहने वाली है. एनडीए की तरफ से उम्मीदवार के तौर पर कई नामों पर चर्चा का बाजार गर्म है. इनमें से एक नाम पूर्व मंत्री जमशेद अशरफ का भी है.


वोटर की संख्या पर अगर गौर करें तो मुस्लिमों की आबादी दूसरे नंबर पर है. एक तरफ जहां भूमिहार मतदाताओं की संख्या लगभग साढ़े 3 लाख के करीब है वहीं, ढ़ाई लाख के करीब मुस्लिम वोटर हैं. मुसलमानो के बीच जमशेद अशरफ की लोकप्रियता भी मानी जाती है. उनके समर्थकों का दावा है कि मुस्लिम बेदारी मुहिम चलाकर उन्होंने एक लाख मुस्लिमों को बीजेपी से जोड़ा था.


मालूम हो कि जमशेद अशरफ 2005 में पहली बार विधायक बने थे. उन्होंने बलिया विधानसभा से शहरी विकास मंत्री नारायण यादव को 18000 मतों से पराजित कर चुनाव जीता था. 2006 से 2008 तक बिहार हज कमिटी के चेयरमैन रहे. उसके बाद बिहार सरकार में मंत्री भी रहे. 2014 में उन्होंने भाजपा का दामन थामा.


बीजेपी की तरफ से कई दावेदारी सामने आ रहे हैं. इनमें एमएलसी रजनीश कुमार, पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व लोकसभा उम्मीदवार राम लखन सिंह और बेगूसराय के मेयर उपेंद्र सिंह सिंह का नाम भी शामिल है.