तिरूवनंतपुरम: उत्तरी केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से ही यह पहाड़ी जिला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया है. करीब एक हफ्ते के संशय के बाद कांग्रेस ने औपचारिक रूप से घोषणा कर दी कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में अमेठी के अलावा वायनाड से भी चुनावी मैदान में उतरेंगे. इससे कांग्रेस नीत युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के कार्यकर्ताओं के जोश में इजाफा होगा.


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कांग्रेस-यूडीएफ के दिवंगत नेता एमआई शनवास ने 2014 और 2009 में एलडीएफ उम्मीदवारों को हराकर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. उनका पिछले साल नवंबर में निधन हो गया था. वायनाड सीट पर इस बार एलडीएफ की ओर से भाकपा के पीपी सुनीर मैदान में हैं. भाजपा ने यह सीट अपने सहयोगी बीडीजेएस (भारत धर्म जन सेना) को दी है और उसने अब तक औपचारिक रूप से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. वायनाड मुख्य रूप से कृषि प्रधान क्षेत्र है जहां कॉफी, चाय, कोको, काली मिर्च और इलायची प्रमुख फसलें हैं. एडक्कल गुफाओं, दर्शनीय स्थानों व झरनों को लेकर यह स्थान पर्यटकों के बीच भी लोकप्रिय है.


यह स्थान ट्रैकिंग को लेकर भी लोकप्रिय है जहां की कुछ चोटियां समुद्र तल से 2,100 मीटर तक ऊंची हैं. वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 13,25,788 है. वायनाड में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के भी लोग खासी संख्या में हैं. पश्चिमी घाट क्षेत्र में स्थित वायनाड की सीमा कर्नाटक के मैसूर और चामराजनगर तथा तमिलनाडु में नीलगिरी से लगती है. वायनाड एक नवंबर 1980 को केरल का 12वां जिला बना था. इसे कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों से काट कर बनाया गया था.