नई दिल्लीः आसनसोल लोकसभा चुनाव 2019 में कोलकाता की एक हाई प्रोफाइल सीट है. आसनसोल पश्चिम बंगाल का कोलकाता के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर है. इस सीट में 29 अप्रैल को मतदान हुए थे. भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से बाबुल सुप्रियो को अपना उम्मीदवार बनाया है और चुनाव में उनके विरोध में तृणमूल कांग्रेस की ओर से मुनमुन हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति
यूके की एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार आसनसोल भारत का 11वां और विश्व का 42वां सबसे तेजी से विकसित होने वाला राज्य है. इस शहर के विकास का एक सबसे बड़ा कारण यहां पर प्राकृतिक संपदा का भंडार होना है. यहां की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से इस्पात, कोयला और रेलवे पर आधारित है. आसनसोल की कुल जनसंख्या 2,137,389 है. यहां की कुल आबादी के 80 प्रतिशत लोग शहरों में रहते है जबकी 20 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में निवास करती है. यहां हमेशा से ही किसान और मजदूर वर्ग के लोग राजनीतिक समीकरणों को बदलने की ताकत रखते हैं.


पश्चिम बंगाल में पांचवे चरण में भी मारपीट और हिंसा क्यों ?


राजनीतिक इतिहास
आसनसोल लोकसभा सीट पर सबसे अधिक समय तक सीपीआईएम का वर्चस्व रहा. CPIM ने यहां 1989 से लेकर 2014 तक राज किया. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार बाबुल सुप्रियों ने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन को 70,480 वोटो से हराया था. इस बार बाबुल के सामने जो उम्मीदवार हैं वो भी बॉलीवुड से संबंध रखती हैं.



लोकसभा चुनाव 2019: पश्चिम बंगाल के आसनसोल में मतदान के दौरान झड़प


मुनमुन सेन एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं. मुनमुन अभी बांकुरा लोकसभा सीट से सांसद हैं. बाबुल सुप्रियो को 4,19,983 वोट मिले थे जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के डोला सेन को 3,49,503 वोट मिले थे. आसनसोल सीट पर 2014  के चुनाव में यहां 77.76 फीसदी वोटिंग हुई थी. आसनसोल लोकसभा सीट के अंतर्गत 7 विधानसभा सीट आती है. जिनमें पंदाबेश्वर, रानीगंज, जमुरिया, आसनसोल दक्षिण, आसनसोल उत्तर, कुल्टी और बाराबनी.