नई दिल्ली: इस बार छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है, क्योंकि इस बार भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा सांसद कमला पटले का टिकट काटकर गुहराम अजगल्ले को मौका दिया गया है. साल 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट से जीत दर्ज की थी.


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लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट से गुहराम अजगल्ले, बहुजन समाज पार्टी से दाउराम रत्नाकर, कांग्रेस से रवि पारसराम भारद्वाज, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) से आशीष रतरे, राष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी से नरेश कुमार दहाड़िया, शिवसेना से नरेश बाई जांगड़े, सुंदर समाज पार्टी से नितेश कुमार रतरे, राष्ट्रीय जनसभा पार्टी से भोजराम बंजारे, बहुजन मुक्ति पार्टी से लखन लाल चौहान उर्फ लाखाला दावन समेत कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.


साल 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट से कमला पटले ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने 5 लाख 18 हजार 909 यानी 48.34 फीसदी वोट हासिल किए थे और कांग्रेस प्रत्याशी प्रेम चंद्र जायसी को शिकस्त दी थी. पिछले लोकसभा चुनाव में प्रेम चंद जायसी को 3 लाख 43 हजार 948 यानी 32.04 फीसदी वोट मिले थे.


साल 2009 के लोकसभा चुनाव में भी इस सीट से कमला पटले ने जीत हासिल की थी और कांग्रेस के शिव कुमार डेहरिया को हराया था. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कमला पटले को 3 लाख 2 हजार 142 यानी 40.96 प्रतिशत वोट और शिव कुमार डेहरिया को 2 लाख 14 हजार 931 यानी 29.14 फीसदी वोट मिले थे.


जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट पर 1952 से लेकर अब तक 16 चुनाव हो चुके हैं. साल 1999 तक यह निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश के हिस्से में आता था. साल 2004 से यह छत्तीसगढ़ का हिस्सा बन गया. इसके बाद यहां हुए पिछले तीनों चुनाव बीजेपी ने जीते हैं. छत्तीसगढ़ की जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट एसससी वर्ग के लिए आरक्षित है. जिला जांजगीर-चाम्पा की स्थापना 25 मई 1998 को हुई थी. यह जिला छत्तीसगढ़ के केंद्र में स्थित है और इसलिए इसे प्रदेश का दिल माना जाता है.


आदिवासी बाहुल्य जांजगीर-चांपा लोकसभा के अंर्तगत छत्तीसगढ़ विधानसभा की 8 सीटें आती हैं, जिनमें अकलतरा, चंद्रपुर, बिलाइगढ़ (एससी), जांजगीर-चांपा, जयजयपुर, कसलडोल, सकती, पामगढ़ (एससी) शामिल हैं.