नई दिल्ली : देश में डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय तक चली लोकसभा चुनावी 2019 (Lok sabha elections 2019) की सरगर्मी के बाद आज चुनाव के रिजल्ट (Lok sabha election results 2019) से साफ हो जाएगा कि इस बार देश की बागडोर किसके हाथ होगी. हालांकि रविवार को आए तमाम एग्जिट पोल में एनडीए के सत्ता में वापसी करने की उम्मीद जताई गई है. इससे शेयर बाजार की अवधारणा को बल मिला और सेंसेक्स एक दिन में 1422 अंक की रिकॉर्ड तेजी के साथ 39,000 के स्तर को पार कर गया. मतगणना के रुझान आने के साथ ही शेयर बाजार की चाल पर भी असर पड़ना तय है.


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पूर्ण बहुमत की सरकार से निवेश्कों का भरोसा बढ़ेगा
जानकारों का मानना है कि यदि देश को पूर्ण बहुमत वाली सरकार मिलती है तो इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और बाजार निवेश बढ़ेगा. यदि सत्ता की चाबी यूपीए या महागठबंधन के हाथ जाती है तो शेयर बाजार का क्या भविष्य होगा. इस बारे में पूछने पर सीनियर एनालिस्ट अरुण केजरीवाल कहते हैं यदि एनडीए को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता तो शेयर बाजर में उथल-पुथल का माहौल रहेगा.


इस स्थिति में शेयर बाजार में आ सकती है गिरावट
उन्होंने बताया शेयर बाजार का भविष्य इस पर भी निर्भर करेगा कि सरकार बनाने का दावा करने वाला दल किस पार्टी से हाथ मिलाएगा. इस स्थिति में शेयर बाजार में 5 से 7 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है. मतगणना ज्यादा समय तक चलने के कारण यह गिरावट दो दिन तक भी बनी रह सकती है. आपको बता दें सोमवार को शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी के बाद मंगलवार को शेयर बाजार में मुनाफावसूली से गिरावट आई. लेकिन बुधवार को शेयर बाजार ने रिकवरी की और यह हरे निशान के साथ बंद हुआ.



एपिक रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्तफा नदीम ने कहते हैं सरकार का गठन लंबे समय के लिए बाजार का रुख तय करेगा. चुनाव नतीजे और इसके बाद सरकार का गठन ऐसा राजनीतिक घटनाक्रम है जो सालों के लिए सरकार का रुख तय करते हैं. ऐसे में यह अर्थव्यवस्था और निवेशकों की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. सेबी और शेयर बाजारों ने चुनावी गतिविधियों को देखते हुए बाजार में किसी भी तरह के हेरफेर को रोकने के लिए अपने निगरानी तंत्र को तैयार रखा है.