भोपाल: लोकसभा चुनाव 2019 में जीत के लिए नेता मंदिर मस्जिद, गुरुद्वारे और दरगाह पर जाकर मत्था टेक रहे हैं. बीती रात भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने दरगाह पर जाकर चादर चढ़ाई. दरअसल दिग्विजय सिंह के रात को दरगह जाने पर विवाद खड़ा हुआ. जबलपुर से लौटते वक्त रायसेन की प्रसिद्ध बाबा पीर फतेह उल्लाह शाह साहब की दरगाह पर तड़के 3 बजे पहुंचे और चादर चढ़ाकर जीत की दुआ मांगी. इस दौरान भोपाल के कई कांग्रेसी नेता भी उनके साथ मौजूद थे.


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दिन में पहुंचे थे मंदिर
दिग्विजय ने चुनाव प्रचार शुरू करने से पहले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती और जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज का आशीर्वाद लेने श्रीधाम जबलपुर पहुंचे थे.शंकराचार्य और जैन मुनि से मुलाकात करने के बाद वे सड़क मार्ग से भोपाल आए. इस दौरान उनके साथ पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा भी थे. अब वे चुनाव होने तक यथासंभव भोपाल में ही रहेंगे, लेकिन दिग्विजय दिन में मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं ओर रात को मजारों पर पहुंच रहे हैं जिस पर बीजेपी को आपत्ति है.


रात को ही मजार पर क्यों? 
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष विधायक रामेश्वर शर्मा ने दिग्विजय सिंह पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वह सबसे बड़े हिंदू नेता हैं तो रात के अंधेरे में मजार क्यों जाते हैं? बीजेपी ने उनके मजार जाने पर सवाल खड़े किए और कहा कि दिन में मंदिर और रात को मजार क्यों जाते हैं. दूसरी ओर कांग्रेस के मंत्री आरिफ अकील ने दिग्विजय को सबसे बडा हिंदूवादी नेता करार दिया और कहा कि बीजेपी में उनके बडा कोई हिंदू नेता मौजूद नहीं है. रात होते-होते खुद दिग्विजय सिंह ने अपने आपको सबसे बडे हिंदू नेता करा दिया. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से सवाल पूछ लिए. 


सिंह ने कहा, "संघ अपने आपको हिंदुओं का संगठन बताता है, कहता है कि हम राजनीति में नहीं है, स्वयं को सांस्कृतिक संगठन बताता है. अगर संघ सांस्कृतिक संगठन है, हिंदुओं का हितैषी है तो वे फिर मुझसे बैर क्यों रखते हैं."
सिंह ने संघ की ओर से अक्सर की जाने वाली टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा, "संघ या तो यह कहे कि वह हिंदुओं का संगठन नहीं है, सांस्कृतिक संगठन नहीं है, बल्कि राजनीतिक संगठन है."