दरभंगा : अपने बागी तेवर को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद 2014 में दरभंगा से लोकसभा चुनाव लड़े थे और 314949 मतों के साथ जीत दर्ज करने में सफल रहे थे. उनके निलंबन के बाद इस सीट पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) किसी नए चेहरे को मैदान में उतार सकती है. बीजेपी-जेडीयू के बीच 17-17 की संख्या में लोकसभा सीटों का बंटवारे होने के बाद संभावना जताई जा रही है कि यह सीट जेडीयू के खाते में जा सकती है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी संजय झा यहां से दावा पेश करते दिख रहे हैं.


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1952 में दरभंगा लोकसभा सीट पर पहली बार वोट डाले गए थे. 1980 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. बीच में एकबार 1977 में भारतीय लोक दल से सुरेंद्र झा 'सुमन' दरभंगा से लोकसभा चुनाव जीते थे. वहीं, 1980 में अंतिम बार कांग्रेस प्रत्याशी हरि नाथ मिश्र चुनाव जीतने में सफल रहे थे. 1989 (जनता दल) से 1998 तक इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का कब्जा रहा. 1999 में पहली बार इस सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी.


2009 में बिहार में थी नीतीश लहर
लेकिन 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में आरजेडी ने बीजेपी को यहां मात दी और अली अशरफ फातमी चौथी बार सांसद बनने में सफल रहे. वहीं, 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी उम्मीदवार कीर्ति आजाद से दोबारा हार का सामना करना पड़ा था. लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में देश के अन्य राज्यों में एनडीए भले ही चुनाव हार गई, लेकिन बिहार में 40 में से 32 सीटों पर चुनाव जीतने में सफलता मिली थी. इस समय बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार चल रही थी.


वहीं, अगर 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो देश में मोदी लहर थी. बीजेपी ने चौथी पर कीर्ति आजाद को उम्मीदवार बनाया. लगभग 15 लाख मतदाताओं वाले इस सीट पर कुल 828342 वोट पड़े. इस चुनाव में दरभंगा से कुल 15 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे थे. कीर्ति आजाद 314949 मतों के साथ तीसरी बार सांसद बनने में सफल रहे. वहीं, आरजेडी उम्मीदवार अली अशरफ फातमी को 279906 और जेडीयू उम्मीदवार संजय झा को 104464 वोट मिले थे.


देश 2019 लोकसभा चुनाव की तरफ अग्रसर है. आए दिन दरभंगा सीट पर एनडीए और महागठबंधन में उम्मीवारों के नाम को लेकर गहमागहमी का दौर जारी है. देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी और आरजेडी अपनी इस परंपरागत सीट को सहयोगी के खाते में देती है या खुद चुनाव लड़ती है.