गांधीनगर लोकसभा सीटः लालकृष्ण आडवाणी की परंपरागत सीट को क्या नरेंद्र मोदी संभालेंगे
गांधीनगर लोकसभा सीट बीजेपी के वरीष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की परंपरागत सीट रही है.
गांधीनगरः गुजरात राज्य की राजधानी गांधीनगर एक ऐसा शहर है जिसे पूरी तरह से आयोजन कर बसाया गया है. इसे ग्रीन सीटी भी कहा जाता है. इस शहर का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया है. 1966 में गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से गांधीनगर स्थानांतरित की गई थी.
गांधीनगर लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ रहा है. बीजेपी गांधीनगर सीट से 1989 से जीतते आ रही है. 1989 से अब तक गांधीनगर लोकसभा सीट बीजेपी के कब्जे में रही है. इसलिए कांग्रेस के लिए गांधीनगर सीट काफी चुनौती पूर्ण है. बीजेपी इस सीट पर कांग्रेस को बड़े अंतर से हराती रही है.
गांधीनगर लोकसभा सीट बीजेपी के वरीष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की परंपरागत सीट रही है. इस सीट से वह पांच बार सांसद रह चुके हैं. साल 1998 में आडवाणी इस सीट पर पहली बार चुनाव लड़े थे. तब से आजतक आडवाणी ही इस गांधीनगर से सांसद रहे हैं. हालांकि लालकृष्ण आडवाणी ने अब राजनीतिक सन्यास ले लिया है. इसका मतलब यह भी है कि वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगे.
गांधीनगर सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी चुनाव लड़ चुके हैं. 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी ने गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्होंने राजेश खन्ना को शिकस्त दी थी. हालांकि इसी साल दोबारा चुनाव में बीजेपी की टिकट विजय भाई पटेल चुनाव लड़े थे. जिसमें उन्होंने भी जीत हासिल की थी.
2019 के लोकसभा चुनाव में अब गांधीनगर सीट पर बीजेपी की ओर से कौन चुनाव लड़ेगा इसका फैसला अभी नहीं हुआ है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी की इस परंपरागत सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 के लोकसभा चुनाव में उतर सकते हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव में भी पीएम मोदी ने गुजरात के वरोदड़ा सीट से चुनाव लड़े थे. हालांकि वह यूपी के बनारस सीट से भी चुनाव मैदान में उतरे थे. उन्होंने दोनों सीट से चुनाव में जीत हासिल की थी. बाद में उन्होंने वरोदड़ा सीट छोड़ दी थी. इस बार भी माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी गुजरात से एक सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं. जिसमें गांधीनगर सीट का नाम सामने आ रहा है. हालांकि इस पर आधिकारिक मुहर नहीं लगी है.