नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) का सियारी रण अपने चरम पर है. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश की गोरखपुर लोकसभा सीट लगातार सुर्खियों में बनी हुई है. दरअसल, गोरखपुर लोकसभा सीट करीब तीन दशक तक बीजेपी का अभेद्य गढ़ रही थी. इस सीट से योगी आदित्यनाथ पांच बार सांसद रहे और उन्होंने यूपी का सीएम बनने के बाद यहां की लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था. इसके बाद हुए उपचुनाव में बीजेपी का किला गठबंधन उम्मीदवार रहे सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने ढहाया था. वहीं, प्रवीण निषाद अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं और संत कबीर नगर से पार्टी उम्मीदवार हैं.


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अबतक कांग्रेस नहीं खोज पाई है प्रत्याशी
बीजेपी के साथ ही योगी आदित्यनाथ के लिए भी गोरखपुर लोकसभा सीट प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है. निषाद मतदाताओं के दबदबे वाली गोरखपुर सीट पर बीजेपी ने भोजपुरी अभिनेता रविकिशन को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, सपा-बसपा गठबंधन ने राम भुआल निषाद के नाम पर मुहर लगाई है. वहीं, कांग्रेस पार्टी अभीतक गोरखपुर सीट के लिए प्रत्याशी नहीं ढूंढ पाई है. 


2014 आम चुनाव में बीजेपी और उपचुनाव में जीती थी सपा 
2014 के आम चुनाव में गोरखपुर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रहे योगी आदित्यनाथ को 5,39,127 वोट मिले थे. वहीं, दूसरे नंबर पर रहीं सपा की राजमति निषाद को 2,26,344 वोट हासिल हुए थे. तीसरे नंबर पर रहे बसपा के राम भुआल निषाद को 1,76,412 वोट प्राप्त हुए थे. वहीं, योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के बाद इस सीट पर सपा प्रत्याशी के रूप में प्रवीण निषाद ने जीत दर्ज की थी. हाल ही में निषाद पार्टी का बीजेपी में विलय हुआ है. 


ऐसा रहा है राजनीतिक इतिहास
गोरखपुर लोकसभा सीट पर कुल मतदाता संख्या 19,03,988 है. इनमें 10,55,209 पुरुष मतदाता और 8,48,621 महिला मतदाता हैं. इस सीट पर निषाद मतदाताओं का काफी प्रभुत्व है. वहीं, यादव और दलित मतदाताओं की भी खासी संख्या है. सपा-बसपा गठबंधन के कारण इस सीट पर एकबार फिर से बीजेपी की राह मुश्किल नजर आ रही है. अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों और एक उपचुनाव में बीजेपी ने सात बार, कांग्रेस ने छह बार, हिंदू महासभा ने एक बार, भारतीय लोकदल ने एक बार और निर्दलीय प्रत्याशियों ने दो बार जीत दर्ज की है. गोरखपुर सीट पर लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें और अंतिम चरण में मतदान होना है.