लोकसभा चुनाव 2019: सालों से जालौन में जीत को तरसी कांग्रेस, क्या इस बार कर पाएंगी करिश्मा ?
जालौन लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. साल 1962 में पहली बार जालौन लोकसभा सीट पर चुनाव हुए.
नई दिल्ली: ऋषि जलवान के नाम बना बसा जालौन उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीट है. गंगा के जलोढ़ मैदानों पर बसा जालौन के उत्तर में यमुना नदी, तो वहीं दूसरी तरफ बेतवा नदी बहती है. जालौन को 210 फीट ऊंची लंका मीनार के लिए भी जाना जाता है, इस मीनार के अंदर रावण के परिवार के चित्रण को दर्शाया गया है. जालौन लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां का राजनीतिक इतिहास काफी रोचक हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी यहां कमल खिलाने में कामयाब रही थी.
2014 में ऐसा था जनादेश
साल 2014 में बीजेपी के भानु प्रताप सिंह ने यहां से जीत दर्ज की और संसद तक पहुंचे. बीएसपी के दिग्गज नेता ब्रजलाल खाबरी को बीजेपी के भानु प्रताप सिंह ने मात दी. साल 2014 में बीएसपी दूसरे, सपा तीसरे और कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में जालौन संसदीय सीट पर 58.77 फीसदी मतदान हुए थे.
ऐसा है राजनीतिक इतिहास
साल 1962 में पहली बार जालौन लोकसभा सीट पर चुनाव हुए. इस चुनाव में कांग्रेस ने विजयी पताखा लहराया और संसद तक पहुंचे. 1971 में भी कांग्रेस ने ही यहां से जीत दर्ज की. साल 1977 में हुए चुनावों में भारतीय लोकदल के रामचरण चुनावी मैदान में उतरे और कांग्रेस को मात देकर संसद पहुंचे. 1980 और 1984 में कांग्रेस ने फिर वापसी की . दो बार लगातार जीतने के बाद साल 1989 में यहां जनता दल जीतने में कामयाब रही. साल 1991 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जालौन संसदीय सीट पर खाता खोला और गया प्रसाद कोरी सांसद बने.
बीजेपी ने यहां से लगातार तीन बार जीत दर्ज की, लेकिन साल 1999 में बीएसपी से ब्रजलाल खाबरी को चुनावी मैदान में उतरा, जिन्होंने बीजेपी के विजयी रथ को रोका और संसद तक पहुंचें. साल 2004 में बीजेपी फिर वापसी की, लेकिन 2009 में जीत को कायम नहीं रख सकी. साल 2009 में पहली बार सपा ने यहां से जीत दर्ज की. 2014 में एक बार फिर बीजेपी ने इस सीट पर अपनी जीत दर्ज की. जालौन में अब तक हुए लोकसभा चुनावों में पांच बार कांग्रेस और पांच बार ही बीजेपी ने जीत दर्ज की है. जबकि सपा, बसपा, जनता दल और लोकदल को एक-एक बार जीत मिली है.