तमिलनाडु का मदुरई लोकसभा क्षेत्र तमिलनाडु की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता  है. आबादी के मामले में देश में 25वां स्थान रखने वाले मदुरई का राजनीतिक इतिहास भी उतना ही दिलचस्प है, जितना की यहां के सांस्कृतिक रहस्य. मीनाक्षी मंदिर के लिए पूरी दुनिया में मशहूर मदुरई में पहली बार 1952  में चुनाव हुए, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को जीत मिली. बता दें मदुरई को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है, क्योंकि यहां अब तक कांग्रेस 7 बार जीत दर्ज कर चुकी है.


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चुनावी इतिहास
मदुरई लोकसभा सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस को जीत नसीब हुई. इसके बाद 1957 में सीपीआई, 1962 में कांग्रेस, 1967 में सीपीएम, 1971 से लेकर 1991 तक लगातार कांग्रेस ने मदुरई लोकसभा क्षेत्र में जीत दर्ज कराई. 1996 में तमिल मनीला कांग्रेस, 1999 और 2004 सीपीएम, 2009 में डीएमके और 2014 में एआईएडीएमके ने यहां जीत हासिल की.


मतदाता संख्या
तमिलनाडु के मदुरई में कुल मतदाता संख्या 14,41,434 मतदाता हैं, जिनमें से 49.75 प्रतिशत पुरुष मतदाता हैं तो वहीं 50.24 प्रतिशत महिला मतदाता हैं. यहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं की अपेक्षा में ज्यादा है. बता दें मदुरई में प्रति 1 हजार पुरुष पर 1010 महिला हैं.


2014 का चुनावी इतिहास


2014 के लोकसभा चुनाव में मदुरई लोकसभा सीट पर एआईएडीएमके उम्मीदवार आर. गोपालकृष्णन ने जीत दर्ज कराई थी. आर. गोपालकृष्णन को 2014 के लोकसभा चुनाव में 4,53,785 वोट मिले थे. जबकि उनकी तुलना में डीएमके के दिग्गज नेता वी. वेलूसामी को 2,54361 वोट ही मिल सके.