सतना लोकसभा सीट: पिछले 20 सालों से है BJP का राज, अर्जुन सिंह यहां से जीतने वाले आखिरी कांग्रेसी
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह आखिरी कांग्रेसी थे, जिन्हें सतना लोकसभा सीट पर विजय हासिल हुई. 1991 के चुनाव में अर्जुन सिंह ने भाजपा के सुखेंद्र सिंह को मात दी और सतना से सांसद चुने गए थे, लेकिन यह आखिरी चुनाव था जब सतना की जनता ने किसी कांग्रेसी को अपना प्रतिनिधि चुना था.
नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के सतना लोकसभा क्षेत्र में पिछले 20 सालों से बीजेपी का एक छत्र राज है और पिछले 22 सालों से कांग्रेस को यहां हार का सामना करना पड़ रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह आखिरी कांग्रेसी थे, जिन्हें सतना लोकसभा सीट पर विजय हासिल हुई. 1991 के चुनाव में अर्जुन सिंह ने भाजपा के सुखेंद्र सिंह को मात दी और सतना से सांसद चुने गए थे, लेकिन यह आखिरी चुनाव था जब सतना की जनता ने किसी कांग्रेसी को अपना प्रतिनिधि चुना था. फिलहाल यहां बीजपी का कब्जा है और गणेश सिंह यहां के सांसद हैं.
राजनीतिक इतिहास
सतना में पहला चुनाव साल 1967 में हुआ था, जिसमें कांग्रेस के डीवी सिंह ने जीत दर्ज कराई थी. इसके बाद 1971 में भारतीय जनसंघ, 1977 में भारतीय लोकदल, 1980 और 184 में कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज कराई. इसके बाद 1989 में यहां बीजेपी ने यहां पहली बार जीत हासिल की, लेकिन 1991 में कांग्रेस ने सतना लोकसभा क्षेत्र से अर्जुन सिंह को टिकट दिया और उन्होंने बड़े मतों के अंतर से जीत दर्ज भी कराई. 1996 में यहां बसपा प्रत्याशी ने यहां पहली बार जीत हासिल की, इसके बाद 1998 में फिर यहां बीजेपी जीती और इसके बाद से लेकर अब तक यहां बीजेपी का ही राज है.
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2014 लोकसभा चुनाव नतीजे
2014 के चुनाव में बीजेपी के गणेश सिंह ने 8,688 वोटों के अंतर से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे और कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह को हराया था. इस चुनाव में गणेश सिंह को 3,75,288 तो कांग्रेस उम्मीदवार अजय सिंह को 3,66,600 वोट मिले थे. इससे पहले 2009 के चुनाव में भी गणेश सिहं ने ही यहां जीत दर्ज कराई थी. उन्होंने बसपा के सुखलाल कुशवाहा को हराया था.
मतदाता संख्या
2014 की मतगणना के अनुसार सतना लोकसभा क्षेत्र में कुल 14,58,084 मतदाता हैं. जिनमें से 6,86,058 महिला मतदाता हैं. वहीं 7,72,027 पुरुष मतदाता हैं. 2014 के चुनाव में कुल 62.65 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
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सांसद गणेश सिंह का रिपोर्ट कार्ड
सांसद गणेश सिंह को उनके निर्वाचन क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए कुल 26.23 करोड़ का फंड आवंटित किया गया था, जिसमें से उन्होंने 22.52 करोड़ खर्च कर दिए. वहीं करीब 3.71 करोड़ फंड बिना खर्च किए रह गया. 2014 के चुनाव में जीतकर तीसरी बार सांसद बने गणेश सिंह की संसद में उपस्थिति 88 फीसदी रही. इस दौरान उन्होंने 145 डिबेट में हिस्सा लिया और 386 सवाल किए.