नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2019 में ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रही है. इस सीट से बीजेपी, कांग्रेस और बीजेडी तीनों ही प्रमुख पार्टियों द्वारा प्रवक्ताओं के उतारे जाने से सबके मन में एक ही सवाल है कि भगवान जगन्नाथ इन चुनावों में किसकी नैया को पार लगाएंगे. राज्य में नवीन पटनायक की अगुवाई वाली बीजेडी की सरकार कई बार से है और पुरी सीट पर भी बीजेडी के पिनाकी मिश्रा दो बार से झंडा गाड़ रहे हैं. पिनाकी मिश्रा पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंगनाथ मिश्रा के रिश्तेदार हैं.


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पुरी शहर को भगवान जगन्नाथ का मंदिर होने की वजह से दुनियाभर में पहचाना जाता है. यह हिंदु धर्म के मुख्य केंद्रों में से एक है. हर साल लाखों सैलानी यहां दर्शन करने पहुंचते हैं, पुरी इन चुनावों में पहले के मुकाबले इसलिए ज्यादा सुर्खियों में हैं, क्योंकि बीजेपी ने संबित पात्रा को उतारा है. यह पहला मौका है बीजेपी ने किसी प्रवक्ता पर ऐसी सीट से दांव खेला है, जहां पर अब तक पार्टी अस्तित्व में नहीं आई. 


शैली की वजह से सुर्खियों में संबित पात्रा
संबित पात्रा ने अपनी प्रचार की शैली की वजह से भी खूब सुर्खियां बटोरी हैं. प्रचार के दौरान उन्होंने जो धार्मिक कपड़े पहने उसे लेकर भी सोशल मीडिया पर काफी प्रतिक्रियाएं आई हैं. चुनाव प्रचार के दौरान संबित पात्रा कभी किसी के घर खाना खाते हुए नजर आए, तो कभी किसी के पैरों को छूकर आशीर्वाद भी लिया. 


ग्रामीण मतदाता की पसंद पर तय होता है उम्मीदवार
पुरी लोकसभा सीट के सामाजिक ताने बाने की बात की जाए तो यहां की जनसंख्या 19 लाख 11 हजार 898 है. यहां की 83.02 फीसदी आबादी गांवों में रहती है, जबकि लगभग 17 फीसदी आबादी शहरों में निवास करती है. जनसंख्या से ही स्पष्ट है कि पुरी में जीत हासिल करनी है तो उम्मीदवार को ग्रामीण जनता के दिलों में उतरना होगा. पुरी में जगन्नाथ मंदिर होने की वजह से सालों भर यह क्षेत्र आध्यात्मिक पर्यटन का केन्द्र बना रहता है. इस वजह से यहां की अर्थव्यवस्था को काफी बल मिलता है.